लखनऊ (ब्यूरो)। गवर्नर आनंदीबेन पटेल द्वारा शुक्रवार को राजभवन से केजीएमयू की मोबाइल कैंसर डिटेक्शन यूनिट को फ्लैग ऑफ करके रवाना किया गया। सभी प्रकार के कैंसर की प्रारंभिक स्तर पर ही पहचान करने में सक्षम ये यूनिट बस भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के सीएसआर फंड से अनुदानित है। सीडेक ने इसको डिजाइन किया है।

इस तरह की और बस मिलें

गवर्नर ने कहा कि जो व्यवस्था दी जा रही है, उसके परिणाम 10 से 15 साल में पता लगेंगे। कैंसर की बीमारी जांच से ही पता चलती है। हमारे देश में महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं रहती हैं। ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि घर तक पहुंचने वाली इस सुविधा का लाभ महिलाओं को भी दिलवाएं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि ये एक वाहन प्रदेश के 75 जनपदों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कम होगा। संस्थाएं आगे आएं और अपने सीएसआर फंड को इस प्रकार के जनहितकारी कार्यों के लिए दें।

बस में मिलेगी यह सुविधा

केजीएमयू वीसी प्रो। सोनिया नित्यानंद ने कहा कि अर्ली डिटेक्शन से कैंसर की प्रभावी चिकित्सा संभव है। जिसमें आज से संचालित ये मोबाइल यूनिट बड़ा योगदान देगी। इसमें इलेक्ट्रानिक मेडिकल रिकार्ड सिस्टम और डैशबोर्ड शामिल है। इसमें टेली मेडिसिन और टेली परामर्श से विशेषज्ञ की सलाह ली जा सकती है। साथ ही इसमें डिजिटल एक्स-रे रोगी की सामान्य अवस्था तथा कैंसर की बड़ी अवस्था का आकलन, हेमेटोलॉजी विश्लेषक से रक्त संबंधित कैंसर के रोगियों की पहचान और उनके इलाज की निगरानी, इम्यूनोलॉजी विश्लेषक, रक्त के नमूनों में विभिन्न बायोमार्कर और ट्यूमर मार्करों की माप, शरीर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का आकलन और ट्यूमर की विशिष्ट पहचान से कैंसर का डिटेक्शन, अल्ट्रासाउंड स्कैन से स्तन, पेट, प्रजनन अंगों में ट्यूमर की पहचान समेत कई सुविधाएं मौजूद हैं।