लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू की डेंटल विंग में आने वाले मरीजों को अब और बेहतर ट्रीटमेंट मिल सकेगा। जिसके तहत डेंटल इंप्लांट लगवाने वाले मरीजों को और बेहतर और सही डिजाइन का डेंटल इंप्लांट मिलेगा। इसके लिए यहां की ओरल पैथालॉजी में 3डी प्रिंटिंग लैब शुरू की गई है। इस लैब में जरूरत के हिसाब से जबड़ा से लेकर डेंटल इंप्लांट तक आसानी से बनाए जाएंगे। यह मार्केट में मिलने वाले इंप्लांट से काफी सस्ते भी होंगे। जिससे मरीजों की जेब पर भी अधिक असर नहीं देखने को मिलेगा।
कस्टमाइज इंप्लांट हो रहे तैयार
केजीएमयू की डेंटल विंग में रोज एक हजार से अधिक मरीज आते हैं। जिसमें से कई मरीजों को इंप्लांट भी लगाया जाता है। अभी मरीजों को मार्केट से आने वाले इंप्लांट यहां लगाए जाते हैं, जोकि अलग-अलग साइज के होते हंै। जिसके चलते कई बार ये इंप्लांट मरीजों को फिट नहीं बैठते थेे। अधिकारियों के मुताबिक 3डी प्रिंटिंग लैब की मदद से यह समस्या अब दूर हो जाएगी। इसके लिए लैब में हेप्टिक मशीन भी लगाई जा चुकी है।
कस्टमाइज इंप्लांट तैयार होंगे
हेप्टिक मशीन की मदद से लैब में कस्टमाइज इंप्लांट तैयार किए जा सकेंगे। खासतौर पर किसी दुघर्टना या कैंसर सर्जरी के कारण जरूरत और साइज के अनुसार अब यहां इंप्लांट तैयार किए जाएंगे और मरीजों को लगाए जाएंगे। मरीज की सीटी स्कैन रिपोर्ट के अनुसार इंप्लांट का साइज लिया जाएगा और उसे तैयार किया जाएगा। खास बात यह है कि इसके लिए मरीज को कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं देना होगा। यहां लैब में जो इप्लांट बनाए जाएंगे वह बाजार की तुलना में सस्ते भी होंगे। यहां की लैब में बनाए गए कुछ इंप्लांट मरीजों को लगाए भी जा चुके हैं, जिससे मरीजों को अभी तक किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है।
मरीजों के अनुसार बनेगा जबड़ा
इसके अलावा 3डी प्रिंटिंग लैब की मदद से मरीजों के साइज के अनुसार नया आर्टिफिशियल जबड़ा भी तैयार किया जा सकेगा। इसके लिए मरीज के जबड़े की नाप डिजिटल स्कैनर की मदद से ली जाएगी। किसी दुर्घटना या बड़ी सर्जरी के कारण नया जबड़ा लगाने की जरूरत के दौरान इसे आसानी से तैयार किया जा सकेगा। जिससे ज्यादा सटीक और फिटिंग का जबड़ा भी तैयार होगा।