लखनऊ (ब्यूरो)। डॉक्टरों के मुताबिक ऑपरेशन के बाद मरीज को मोटापे के साथ डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और आर्थो समेत अन्य बीमारियों से भी राहत मिल रही है। जिससे उनकी लाइफ स्टाइल भी बेहतर हो रही है। लोगों को हेल्दी डायट और एक्सरसाइज करना चाहिए ताकि यह समस्या न हो। साथ ही खर्च भी निजी के मुकाबले बेहद कम हो रहा है।

सर्जरी से मिल रही राहत
केजीएमयू में बड़ी संख्या में जनरल सर्जरी विभाग में मरीजों की सर्जरी की जा रही है। जिसमें, मोटापे से छुटकारा दिलाने के लिए सर्जरी यानि बैरिएट्रिक सर्जरी की जा रही है। डॉ। अवनीश कुमार और डॉ। अक्षय आनंद बैरियट्रिक सर्जरी कर रहे हैं।

कम खाने में भरता है पेट
डॉ। अवनीश कुमार के मुताबिक लंबाई और वजन के हिसाब से बीएमआई निकाली जाती है। जिनका बीएमआई 40 से ऊपर होता है उन्हें ही ऑपरेशन की सलाह दी जाती है। इसमें लैप्रोस्कोप से पेट के आकार को छोटा किया जाता है। इससे मरीज थोड़ा भोजन करता है। उसका पेट भर जाता है। जिसके बाद धीरे-धीरे मरीज की आदत पड़ जाती है। जिससे मरीज का वजन कम होने लगता है। ऑपरेशन के तीन से चार दिन बाद मरीज की डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में युवा भी शामिल हैं।

खत्म हो जाती हैं बीमारियां
डॉ। अविनाश ने बताया कि मोटे लोगों को तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। इसमें बीपी, डायबिटीज, दिल संबंधी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। वजन में कमी के साथ डायबिटीज और ब्लड प्रेशर संबंधी परेशानी 90 प्रतिशत मरीजों में खत्म हो जाती है। 10 प्रतिशत मरीजों में दवा की डोज कम हो जाती है। साथ ही दिल संबंधी बीमारियां भी कंट्रोल में आ जाती है। इसके अलावा वेट कंट्रोल होने से आर्थो संबंधी बीमारी भी कम हो जाती है। जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलती है।

खरार्टे हो जाते हैं गायब
डॉ। अवनीश के मुताबिक ज्यादातर मरीजों को ऑपरेशन के बाद खरार्टे की समस्या भी निजात मिल जाती है। ऐसे मरीज जो मोटे हैं और उन्हें हार्निया की परेशानी हो गई तो पहले उनकी बैरियट्रिक सर्जरी की जाती है। साथ ही हॉर्निया का ऑपरेशन किया जाता है। क्योंकि मोटे लोगों में ऑपरेशन के बाद दोबारा हॉर्निया का खतरा बढ़ जाता है।