लखनऊ (ब्यूरो) फलों के राजा आम के बाजार में आने का इंतजार बड़ी बेसब्री से हर आमोखास को पूरे साल रहता है। ऐसा हो भी क्यों न, अपने लजीज स्वाद के चलते यह ज्यादातर लोगों का फेवरिट फल जो बना हुआ है। हालांकि, आम के दीवानों के लिए इस बार खबर बहुत खास नहीं है और आशंका जताई जा रही है कि इस बार यह जेब पर भारी भी पड़ेगा। इसकी बड़ी वजह है मौसम की मार, जिससे आम की बौर पर बुरा असर पड़ा है। पढ़ें मैंगो बेल्ट कहे जाने वाले मलिहाबाद से की गई दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की स्पेशल कवरेज

बौर में 25 से 30 प्रतिशत गिरावट

आम की बौर कम होने के पीछे दो प्रमुख वजहें हैैं। पहली, वजह मौसम से जुड़ी हुई है, जबकि दूसरी अंडरग्राउंड वॉटर लेवल से। इन दोनों कारणों की वजह से बौर में 25 से 30 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, आम उसी समय मार्केट में आएगा, जब आता है।

दो प्रमुख वजहें आईं सामने

1-अधिक ठंड-बीते सालों के मुकाबले इस बार ठंड अधिक पड़ी थी, जिससे आम की पैदावार पर विपरीत असर देखने को मिला है। मौसम में परिवर्तन की वजह से अभी तक पेड़ों पर बौर आ रहे हैैं, जबकि पहले सिर्फ फरवरी माह तक ही यह प्रक्रिया चलती थी। अब जो बौर आ रहा हैै, वह किसी काम का नहीं है और जल्द सूख जा रहा है।

2-अंडरग्राउंड वॉटर लेवल-आम की पैदावार पर असर इसलिए भी पड़ेगा क्योंकि अंडरग्राउंड वॉटर लेवल गिरा है। मलिहाबाद एरिया की आम बेल्ट में तेजी से अंडरग्राउंड वॉटर लेवल गिरा है। पहले जहां 25 से 30 फुट पर पानी मिल जाता था, वहीं अब ये 80 फुट के नीचे चला गया है। तेजी से गिरते अंडरग्राउंड वॉटर लेवल की वजह से आम के पेड़ों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है।

कीमतों पर पड़ेगा असर

मैैंगो मैन के नाम से मशहूर पद्मश्री हाजी कलीम उल्लाह खां का कहना है कि पैदावार पर असर पड़ेगा तो आम के साइज पर भी असर देखने को मिल सकता है। जब बौर की पैदावार कम हुई है तो साफ है कि मार्केट में आम कुछ कम होगा, जिससे उसकी कीमत कुछ बढ़ सकती है। इसके साथ ही आम में रस भी कुछ कम होगा।

पिछले साल सस्ता था आम

पिछले साल की बात की जाए तो आम के रेट खासे कम थे। पिछली बार लखनऊ में 100 रुपये में 5 से 6 किलो तक में आम की बिक्री हुई थी। इतना ही नहीं, पिछली बार मार्केट में जो दशहरी आम आया था, उसकी खुशबू भी बहुत अलग थी और वह रस से भरपूर था।

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मई के आखिरी तक डाल वाला आम

मैैंगो मैन हाजी कलीम उल्लाह खां का कहना है कि मई के आखिरी तक डाल वाला आम मार्केट में आ सकता है। इसके साथ ही, दूसरे देशों में भी आम की डिलीवरी समय से होगी। आम ढूंढने के लिए लोगों को ज्यादा कवायद नहीं करनी पड़ेगी। सभी प्रमुख मार्केट्स में हर वैरायटी का आम उपलब्ध होगा।

मौसम की मार और पर्याप्त पानी न मिलने की वजह से इस बार आम की बौर कुछ कम है। हालांकि, मार्केट में समय से ही आम आएगा। पैदावार कम होने से स्वाद पर कुछ असर देखने को मिल सकता है।

-पद्मश्री हाजी कलीम उल्लाह खां (मैैंगो मैन)