लखनऊ (ब्यूरो)। नवजात में पीलिया का पता लगाने के लिए अब सुई से ब्लड सैंपल लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि पीजीआई में स्थापित मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निर्देशन में ऐसी डिवाइस तैयार की गई है, जिसे महज नवजात के माथे पर लगाते ही चंद सेकेंड में पीलिया के लेवल का पता चल जाएगा। इस तकनीक के चलते नवजात को जांच के लिए खून निकालते वक्त होने वाले दर्द का सामना नहीं करना पड़ेगा। जल्द ही इस डिवाइस को मार्केट में लाने की तैयारी चल रही है।

480 नवजातों पर हुआ ट्रायल

पीजीआई में संचालित मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सीओओ श्याम कुमार ने बताया कि संस्थान लगातार ट्रीटमेंट से जुड़ी डिवाइसेस तैयार करने का काम कर रहा है। उसी के तहत पीलिया की जल्द और सटीक जांच के लिए 'बिली श्योर' डिवाइस तैयार की गई है। इसके ट्रायल के लिए पीजीआई में इलाज कराने वाले 480 नवजातों को इसमें शामिल किया गया था, जिसका रिजल्ट ट्रायल में करीब 96 पर्सेंट सक्सेसफुल रहा, जो बेहद सकारात्मक परिणाम है।

नहीं निकालना पड़ेगा ब्लड

डिवाइस तैयार करने वाले इंजीनियर जितेश पांडेय के मुताबिक, नवजातों में पीलिया जांच के लिए सुई के माध्यम से ब्लड लेकर बिलीरुबिन लेवल देखा जाता है। पर कई बार टेस्ट के लिए नवजात का ब्लड निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से कई समस्याएं हो जाती हैं। इसी को ध्यान में रखकर यह डिवाइस तैयार की गई है। इस डिवाइस से बिना ब्लड निकाले ही पीलिया की पहचान संभव है। इसका ट्रायल पीजीआई के नियोनेटल विभाग में उपचार कराने वाले नवजातों पर किया जा रहा है।

दो सेकेंड में पीलिया की जांच

जितेश पांडेय के मुताबिक, इस डिवाइस में एक खास तरीका का सेंसर लगाया गया हैं। इस डिवाइस को नवजात के माथे पर लगाया जाता है। यह विशेष सेंसर महज दो सेकेंड में बिलीरुबिन का लेवल बता देगा। जो डिवाइस पर बनी स्क्रीन में नजर आ जाएगा, जिससे डॉक्टर को जल्द ट्रीटमेंट शुरू करने का मौका मिलेगा। समय रहते बच्चे को ठीक किया जा सकेगा। यह डिवाइस खासतौर पर रूरल एरिया में बेहद फायदेमंद रहेगी, जहां सीएचसी-पीएचसी आदि पर इसके इस्तेमाल से कुछ ही समय में पीलिया का पता लगाया जा सकेगा और बच्चे को समय पर ट्रीटमेंट मिल सकेगा। इससे नवजातों की मौत का आंकड़ा कम किया जा सकेगा।