लखनऊ (ब्यूरो)। जुलूस, रोड शो, रैली, सेमिनार, धरना प्रदर्शन व अन्य किसी भी तरह के आयोजनों के लिए पुलिस परमिशन के लिए अब थाना चौकी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। ऑनलाइन जाकर बस एक क्लिक पर परमिशन मिलेगी और आठ अलग-अलग विभागों के चक्कर लगाने से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। डॉक्यूमेंट्स और परमिशन के मानक पर खरे उतरने पर सात दिन के भीतर पुलिस परमिशन भी मिल जाएगी। इसके लिए न तो चक्कर लगाने की जरूरत है और न ही बार-बार अपटेड लेने की। यही नहीं, परमिशन की कापी लेने के लिए संबंधित थाना व डीसीपी ऑफिस भी जाने की जरूरत नहीं होगी। दूसरे लिंक पर क्लिक कर परमिशन का कापी डाउनलोड भी कर सकते हैं। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में ऑनलाइन परमिशन आवेदन की सुविधा होने से लोगों की न केवल दौड़ बल्कि परेशानी के साथ-साथ पेपर डॉक्यूमेंट्स का खर्च भी बच जाएगा।

आवेदन भी करना होगा ऑनलाइन

किसी भी पब्लिक प्रोग्राम के लिए पुलिस परमिशन जरूरी होती है। कोविड के बाद से परमिशन की प्रक्रिया भी काफी जटिल हो गई थी। पब्लिक प्रोग्राम में प्रोग्राम के संचालक को संबंधित डॉक्यूमेंट्स और आधार कार्ड की फोटो काफी के साथ एक फर्म भी भरना होता था। जिसमें प्रोग्राम से संबंधित सभी डिटेल जैसे आने वाले लोगों की संख्या, ट्रैफिक, गार्ड, खुले या बंद जगहों पर प्रोग्राम में ट्रैफिक व फायर डिपार्टमेंट की भी एनओसी लेनी होती थी। हालांकि, अब पुलिस कमिश्नेट से जारी किए गए लिंक को क्लिक कर एप्लीकेशन में आधार, प्रोग्राम का शपथ पत्र व जरूरी डॉक्यूमेंट्स को डाउनलोड कर दिया जाता है। इसमें कार्यक्रम के संचालक का मोबाइल नंबर भी एप्लीकेशन में भरा जाता है। जिसमें ओटीपी आने पर आगे का प्रोसेस जारी होता है। जरूरी सूचना डाउनलोड व एप्लीकेशन में भरने के बाद एप्लीकेशन का पीडीएफ जनरेट हो जाता है।

कन्फर्मेशन के सात दिन के भीतर मिलेगी परमिशन

लिंक के एप्लीकेशन फॉर्म को सही-सही भरने के बाद उसमें दी गई डिटेल को कंफर्म किया जाता है। इसके लिए आवेदन के दिए गए नंबर पर कॉल कर उसने भरी डिटेल को कंफर्म किया जाता है। साथ ही अन्य जरूरी डिटेल की जांच के बाद सात दिन के भीतर प्रोग्राम की परमिशन ऑनलाइन मिल जाती है। एप्लीकेशन में दी गई डिटेल और कंफर्ममेशन के दौरान डिटेल के मिसमैच होने पर आवेदन को रद्द भी किया जा सकता है।

अफसर से लेकर चौकी तक पड़ता था दौड़ना

ऑनलाइन सुविधा से पहले लोगों को संबंधित डीसीपी के ऑफिस से लेकर थाना, पुलिस चौकी, एसीपी ऑफिस, एडीसीपी ऑफिस, फायर डिपार्टमेंट और ट्रैफिक डिपार्टमेंट के बाद दोबारा डीसीपी ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते थे। लखनऊ कमिश्नरेट को पांच सर्किल में बांटा गया है। हर सर्किल वाइज थाना क्षेत्र में होने वाले प्रोग्राम के लिए उस सर्किल के डीसीपी ऑफिस में आवेदन करना पड़ता था। सबसे ज्यादा डीसीपी सेंट्रल के यहां हर मंथ 20 से 30 परमिशन के लिए आवेदन आते थे। इसके अलावा डीसीपी ईस्ट, डीसीपी वेस्ट, डीसीपी नार्थ और डीसीपी साउथ के ऑफिस में भी परमिशन के लिए लोगों को चक्कर लगाना पड़ता था। ऑनलाइन सुविधा शुरू होने से बहुत से प्रोग्राम आर्गेनाइजर्स को राहत मिली है।