लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने जा रही है। दरअसल, पहले जहां मीटर रीडर मैनुअल तरीके से रीडिंग के आधार पर बिल जेनरेट कराते थे, वहीं अब उनके द्वारा मीटर की फोटो खींचते ही उपभोक्ता के पास बिजली बिल पहुंच जाएगा। रीडिंग के आधार पर ही बिल जेनरेट होगा और उपभोक्ताओं के साथ कोई खेल नहीं हो सकेगा।
यह व्यवस्था हुई लागू
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहली बार बिलिंग कार्य में ओसीआर (ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन) व्यवस्था शुरू की गई है। मध्यांचल के डायरेक्टर कॉमर्शियल योगेश कुमार ने महानगर खंड के अंतर्गत बिलिंग कार्य का निरीक्षण किया। बिलिंग में मीटर रीडिंग एवं डिमांड की फोटो कैप्चर करने के बाद ऑटोमैटिक रीडिंग एवं डिमांड अंकित हो जाती है एवं बिल रीडिंग के अनुसार बन जाता है। जिससे उपभोक्ताओं को मानवीय त्रुटि रहित बिल रीडिंग के अनुसार मिलेगा, जिससे बिलिंग प्रणाली में व्यापक सुधार होगा।
अभी तक यह थी व्यवस्था
अभी जब मीटर रीडर किसी उपभोक्ता के घर जाता था, तो वहां पर पहले मीटर की फोटो खींचता था, फिर अपने फोन पर मैनुअल तरीके से मीटर में शो होने वाली रीडिंग को भरता था। इस दौरान कई बार मीटर रीडर खेल कर देते थे, जिसकी वजह से उपभोक्ता को रीडिंग से अधिक बिलिंग का सामना करना पड़ता था।
अब यह हुई व्यवस्था
पूरी व्यवस्था वही रहेगी, बस यह है कि अब मीटर रीडर द्वारा मीटर की फोटो खींचने के बाद रीडिंग से रिलेटेड कोई भी मैनुअल एंट्री नहीं की जाएगी। मीटर की फोटो खींचते ही रीडिंग के आधार पर बिल जेनरेट हो जाएगा और उसकी कॉपी पूर्व की भांति उपभोक्ता को मिल जाएगी।
ये हैैं प्रमुख फायदे
1-मैनुअल सिस्टम समाप्त होने से रीडिंग गलत नहीं भरेगी।
2-मीटर रीडर कोई खेल नहीं कर सकेंगे।
3-उपभोक्ता के कहने पर भी कोई खेल नहीं होगा।
4-रीडिंग के अनुसार ही बिल जेनरेट होगा।
सभी 19 जिलों में लागू होगी व्यवस्था
खास बात यह है कि अभी इस व्यवस्था का महानगर डिवीजन में ट्रायल शुरू किया गया है। इसके बाद इसे पूरा लेसा एरिया में लागू किया जाएगा। बाद में मध्यांचल डिस्कॉम के अंतर्गत आने वाले सभी 19 जिलों में इस व्यवस्था को एप्लाई कर दिया जाएगा। जिसका सीधा फायदा लाखों बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा।
लंबे समय से जरूरत
इस व्यवस्था की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। अक्सर देखने में आता था कि उपभोक्ताओं की ओर से शिकायत दर्ज कराई जाती थी कि रीडिंग के अनुसार बिल जेनरेट नहीं हुआ है। जब जांच कराई जाती थी तो ज्यादातर शिकायत सही भी मिलती थी। अब इस व्यवस्था के लागू होने से निश्चित रूप से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी साथ ही सही रीडिंग के आधार पर ही बिल जेनरेट होगा।
10 लाख उपभोक्ताओं को राहत
अगर लेसा एरिया की बात की जाए तो यहां 10 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं। इस व्यवस्था के लागू होने से सीधा लाभ इन्हें मिलेगा। इसके साथ ही रीडिंग के दौरान लापरवाही बरतने वाले मीटर रीडर्स पर भी शिकंजा कसेगा।