लखनऊ (ब्यूरो)। बच्चों में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पर चिंता की बात यह है कि अक्सर डॉक्टर कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं और इलाज व जांच की दिशा टीबी की तरफ मोड़ देते हैं, जो बच्चों की सेहत के लिहाज घातक साबित हो रहा है। इससे बचने के लिए डॉक्टर को कैंसर और टीबी के लक्षणों में अंतर को पहचाना होगा ताकि समय पर बच्चों को सटीक इलाज मुहैया कराया जा सके। यह जानकारी मंगलवार को लोहिया संस्थान में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी वर्कशॉप के दौरान पीडियाट्रिक आंकोलॉजी विभाग के डॉ। सक्षम सिंह ने दी।

लक्षणों में अंतर पहचानना होगा

वर्कशॉप में डॉ। समक्ष सिह ने कहा कि कैंसर में मरीज को बुखार, वेट लॉस, खून की कमी व भूख न लगने जैसी समस्या देखने को मिलती है। इसी प्रकार के लक्षण टीबी मरीज में भी देखने को मिलते हैं। जिसकी वजह से अकसर डॉक्टर बीमारी की सही पहचान नहीं कर पाते है। जबकि समय पर कैंसर की पहचान और इलाज से बीमारी को 80 प्रतिशत तक हराया जा सकता है। वहीं, नई दवाएं व इलाज की आधुनिक तकनीक से कैंसर को मात देना आसान हो गया है। वहीं, संस्थान के निदेशक डॉ। सीएम सिंह ने कहा कि संस्थान में पांच बेड की पीडियाट्रिक आंकोलॉजी यूनिट संचालित की जा रही है ताकि उन्हें रेफर न करना पड़े। कार्यक्रम में डॉ। श्रीपद बनावली, डॉ। मानस कालरा, डॉ। आनंद प्रकाश आदि मौजूद रहे।

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12 हजार सीएचओ करेंगे अनिश्चितकालीन धरना

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की जिम्मेदारियां तो बढ़ती गयीं, लेकिन करियर उन्नति और नियमितीकरण को किनारे रख दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष हिमालय कुमार ने बताया कि प्रदेश का प्रत्येक सीएचओ साथी अपने शोषण के खिलाफ न्याय पाने को आतुर है। इसलिए मांगों के पूर्ण होने तक प्रदेश के समस्त सीएचओ 28 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को मजबूर हैं। जो मिशन निदेशक कार्यालय पर सुबह 10 बजे से मांगे न पूरी होने तक जारी रहेगा। इस दौरान संयुक्त एनएचएम संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय, सीएचओ संघ के प्रदेश महामंत्री जनक सिंह, प्रदेश सचिव नित्यम विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।