लखनऊ (ब्यूरो)। प्रसूताओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना (पीएमएमवीवाई) का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बीते करीब एक साल से इस योजना के तहत किसी भी लाभार्थी को पैसा नहीं दिया गया है। आलम यह है कि अब आशा कार्यकत्री इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन तक नहीं करवा रही हैं। लगातार शिकायतों के बावजूद प्रसूताओं को कोई राहत नहीं मिल रही है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही लाभार्थियों को पैसा मिलने लगेगा।

लगातार हो रहे आवेदन

पीएमएमवीवाई के तहत प्रसूता द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाने पर एनएचएम के माध्यम से पांच हजार रुपये पोषण भत्ता निधि के नाम पर दिए जाते हैं। पहले इसके तहत तीन किस्तों में निधि ट्रांसफर होती थी। पर बाद में इसे दो किश्तों में कर दिया गया, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका फायदा उठा सकें। अधिकारियों की माने तो पहले हर माह करीब 4-5 हजार रजिस्ट्रेशन आशा द्वारा इस योजना के तहत हो रहे थे, लेकिन जब से निधि मिलने में दिक्कतें शुरू हुई हैं, इसके आवेदनों की संख्या भी घट गई है। जिनका रजिस्ट्रेशन हो चुका है, उनको ही अबतक राशि नहीं मिली है। जिसके चलते आशा भी नए रजिस्ट्रेशन करवाने में इंट्रेस्ट नहीं ले रही हैं, क्योंकि योजना के पैसे कब मिलेंगे, इसकी जानकारी उनके पास भी नहीं हैं। ऐसे में, प्रसूताएं भी इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रही हैं।

सर्वर भी दे रहा धोखा

पीएमएमवीआई पोर्टल भी अकसर बंद हो जाता है या फिर डिटेल्स अपलोड नहीं होती हैं। जिसकी वजह से रजिस्ट्रेशन करने में दिक्कतें आती हैं। आलम यह है कि रजिस्ट्रेशन घट कर करीब हजार तक पहुंच गया है। ऐसे में एक लाभकारी योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी भी नहीं बता पा रहे हैं कि योजना के तहत पैसा कब तक मिलेगा।

योजना हो रही ट्रांसफर

सतीश कुमार, जिला प्रबंधन अधिकारी, एनएचएम ने बताया कि पीएमएमवीवाई अब इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट सर्विसेज को ट्रांसफर हो रही है। जिसके कारण फंड ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है। यह काम नेशनल और स्टेट लेवल के बीच का है। इसके ट्रांसफर का काम चल रहा है। जैसे ही काम पूरा हो जाएगा फंड ट्रांसफर कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही योजना का लाभ मिलने लग जाएगा।

यह योजना आईसीडीएस में ट्रांसफर हो रही है, जिसके कारण फंड ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही ट्रांसफर पूरा हो जाएगा।

-सतीश कुमार, जिला प्रबंधन अधिकारी, एनएचएम