लखनऊ (ब्यूरो)। पीजीआई थाना क्षेत्र के हैवतमऊ मवैया निवासी पीडब्ल्यूडी इंजीनियर फारुख अंसारी (58) का शव शनिवार देर रात घर के कीचन में मिला। घटना के बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं दूसरी तरफ, बीकेटी थानाक्षेत्र के बड़ी बाजार में रविवार सुबह लखनऊ-सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे खड़ी कार में पशु अधिकारी विमल कुमार सिंह (43) का शव संदिग्ध हालत में मिला। दोनों ही मामलों संबंधित थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

छुट्टी पर आये थे लखनऊ

फारुख अंसारी के बेटे अरसियान ने बताया कि वह शुक्रवार रात वह मां अलीमा और बहन के साथ एक शादी-समारोह में गए थे। पिता छुट्टी पर प्रयागराज से लखनऊ आए थे। शादी से लौटने के बाद परिजन दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन अंदर से जवाब नहीं मिला। इस पर बेटे ने दूसरी चाभी से दरवाजा खोला। वह कमरे के अंदर पहुंचा तो पिता वहां नहीं मिले। वह किचन की फर्श पर बेसुध पड़े थे। उन्हें एसजीपीजीआई के ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फारुख मधुमेह से ग्रस्ति थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।

कार में मिला पशु अधिकारी का शव

वहीं दूसरी तरफ, लखनऊ-सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी बाजार के पास नीले रंग की कार में राहगीरों ने कार चालक को बेसुध हालत में देखा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार चालक को नजदीकी सीएसची पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। एडीसीपी नार्थ जितेंद्र कुमार दुबे के मुताबिक, कार से मिले आधार कार्ड से मृतक की शिनाख्त इंदिरानगर थानाक्षेत्र के पटेलनगर निवासी विमल सिंह के रूप में हुई। परिजनों ने बताया कि विमल हरदोई के संडीला तहसील में पशु अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।

मुंह से निकल रहा था झाग

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ड्राइविंग सीट पर पड़े पशु अधिकारी के मुंह से झाग निकल रहा था, पुलिस ने कार से शराब की एक खाली बोतल भी बरामद की है। हालांकि, शुरुआती जांच में शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले। थाना प्रभारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी मौत का कारण स्पष्ट होगा। परिजनों ने किसी पर भी कोई आरोप नहीं लगाया है।