लखनऊ (ब्यूरो)। पुणे में रईसजादे की तेज रफ्तार एसयूवी की टक्कर में मध्य प्रदेश के दो होनहार इंजीनियरों की दर्दनाक मौत को लोग अभी भूल भी नहीं पाए थे कि राजधानी के मोहनलालगंज में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया, जहां एक होनहार स्टूडेंट की दर्दनाक मौत हो गई। एसयूवी चलाने वाले भी स्टूडेंट हैं और हादसे के समय कार की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा के ऊपर बताई जा रही है।

40 फीट ऊपर उछलकर गिरा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक तेज रफ्तार कार ने रोड किनारे खड़े स्टूडेंट को इतनी तेज टक्कर मारी कि वह करीब 40 फीट ऊपर उछलकर जमीन पर गिरा। हादसे के बाद कार डिवाइडर से टकरा गई, जिससे चालक भी गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके पर मौजूद लोगों की सूचना पर मोहनलालगंज पुलिस ने दोनों को गंभीर हालत में इलाज के लिए पीजीआई के ट्रामा सेंटर पहुंचाया जहां रेडियोलॉजी की पढ़ाई कर रहे युवक की मौत हो गई। वह मूलरूप से झारखंड का रहने वाला था और अपने दोस्त के साथ किराए का कमरा लेकर रह रहा था।

दोस्त के साथ खाना खाने निकला था

झारखंड के पलामू मोहम्मदगंज निवासी मनोज कुमार शर्मा लटपौरी गांव के सरपंच हैं। उसके तीन बेटे हैं जिसमें सबसे छोटा बेटा अंकित शर्मा (22) राजधानी के ऐरा मेडिकल कॉलेज से रेडियोलॉजी की पढ़ाई कर रहा था। अंकित के दोस्त बीटेक स्टूडेंट आलोक ने बताया कि अंकित मेडिकल कॉलेज कैंपस में ही रहता था। कुछ दिनों की छुट्टïी के चलते उसके रूम पार्टनर अपने घर चले गए थे। अकेला होने के चलते वह मोहनलालगंज में रहने वाले आलोक के रूम पर मिलने आ गया था। दोनों दोस्त संडे रात करीब 9.30 बजे ढाबे पर खाना खाने जा रहे थे। आलोक ने बताया कि वह दवा लेने के लिए मेडिकल स्टोर पर रुक गया जबकि अंकित रोड किनारे खड़े होकर अपने भाई से फोन पर बात कर रहा था।

100 की स्पीड से आई एसयूवी ने उड़ाया

आलोक ने बताया कि मोहनलालगंज थाने के पास अचानक 100 की स्पीड से आ रही तेज रफ्तार एसयूवी कार यूपी 32 एमडब्ल्यू 6201 ने अंकित को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से अंकित करीब 40 फीट ऊपर उछल गया और रोड पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। टक्कर मारने वाली कार की स्पीड ज्यादा होने के चलते वह भी अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। जिससे कार चला रहा युवक भी घायल हो गया। थाने के सामने हुए हादसे में लोगों की भीड़ लग गई और मोहनलालगंज पुलिस ने घायल दोनों युवकों को इलाज के लिए पीजीआई के ट्रामा सेंटर-2 में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां मंडे मार्निंग अंकित की इलाज के दौरान मौत हो गई।

'बेटे को डॉक्टर बनाने भेजा था'

अंकित के पिता अपने गांव के सरपंच हैं। रात में सूचना मिलते ही पिता मनोज कुमार शर्मा अपने रिश्तेदारों के साथ पीजीआई पहुंच गए। बेटे की मौत के बाद पोस्टमार्टम में पिता मनोज टूटे हुए शब्द से बस इतना कहते रहे कि इतनी दूर बेटे को रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर बनाने के लिए भेजा था। नहीं मालूम था कि अपने सबसे छोटे बेटे के शव को कंधे पर लेकर जाना पड़ेगा। पीएम के बाद अंकित के शव को पिता मनोज व रिश्तेदार झारखंड अपने गांव लेकर रवाना हो गए।

हादसे के समय भाई से कर रहा था बात

अंकित हादसे के समय अपने भाई से बात कर रहा था। अंकित परिवार में सबसे छोटा था जबकि उसके दो बड़े भाई अलग-अलग शहरों में जॉब करते हैं। परिजनों के अनुसार, अंकित भाई को लखनऊ की गर्मी के बारे में बता रहा था। जिस पर भाई ने गर्मी से बचने और धूप में ज्यादा न निकलने की सलाह दी थी। अचानक धमाके के साथ फोन बंद हो गया और दूसरी तरफ से भाई अंकित का नाम लेकर चीखता रहा।

टक्कर मारने वाला कार चालक भी स्टूडेंट

इंस्पेक्टर मोहनलालगंज आलोक राव ने बताया कि एक्सीडेंट के मामले में अब तक मृतक स्टूडेंट के पिता व परिजनों ने एफआईआर नहीं दर्ज कराई है। हादसे के बाद कार को कब्जे में ले लिया गया है। कार चला रहे युवक का नाम उदय प्रताप सिंह बताया जा रहा है। वह भी छात्र है और प्रयागराज में रहकर पढ़ाई कर रहा है। मृतक के परिजन अगर तहरीर देते है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।