लखनऊ (ब्यूरो)। बिजली चेकिंग खेल रोकने के लिए पावर कारपोरेशन की ओर से बड़ा निर्णय लिया गया है। अब विजिलेंस की रेड टीम और विभागीय जांच टीम जल्द ही बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस होगी और हर एक कार्रवाई की पावर कारपोरेशन के कंट्रोल रूम से मानीटरिंग की जाएगी। बिजली कंपनियों में शिकायत कॉमन रहती थी कि विजिलेंस व विभागीय टीम के लोग जब चेकिंग करने उपभोक्ता के घर पर जाते हैं तो कई बार टीम की ओर से अनुचित लाभ कमाया जाता है और बिजली चोरी पकड़े जाने के बावजूद एक्शन नहीं लिया जाता है।

300 नग खरीदे जाएंगे पहले चरण में

उपभोक्ता परिषद की लड़ाई रंग लाई। परिषद की मांग पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने बड़ा फैसला लिया है। बिजली कंपनियों के प्रवर्तन दलों एवं विभागीय रेड दलों के लिए बॉडी वॉर्न कैमरा विद ऑल सॉल्यूशन 300 नग खरीद का ऑर्डर किया जा रहा है। इसके लिए पावर कारपोरेशन ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को अधिकृत किया है कि वह खरीद करें। इसके साथ ही पूरी योजना का क्या तकनीकी पहलू होगा, क्या क्वालिटी होगी, कंट्रोल रूम कैसा बनेगा, सब पर एक विस्तृत रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल भी पावर कारपोरेशन के निदेशक कमर्शियल अमित कुमार श्रीवास्तव की तरफ से मध्यांचल विद्युत वितरण निगम प्रबंध निदेशक को भेजा गया है।

अधिकारियों से मुलाकात

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ। आशीष कुमार गोयल से बात की साथ ही शक्ति भवन में पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मुलाकात की और कहा आने वाले समय में इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। वहीं, बिजली चोरी करने वालों पर भी सीधी कार्रवाई की जा सकेगी और इसमें कोई भी खेल नहीं हो सकेगा।