लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान है। यहां आईसीयू से लेकर क्रिटिकल केयर मेडिसिन की सुविधा है, जिसमें गंभीर मरीजों को भर्ती कर उनकी जिंदगी बचाई जा रही है। डॉक्टर जन उपयोगी शोध करें और नई तकनीक अपनाएं। इसके लिए संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी। सरकार हर स्तर पर केजीएमयू की मदद करेगी। यह कहना है डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का। वह गुरुवार को अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के तत्वावधान में प्रिसिजेन मेडिसिन पर आयोजित कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

कोई कमी नहीं होने दी जाएगी

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि केजीएमयू में प्रदेश भर से गंभीर मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। डॉक्टर मरीजों का आधुनिक चिकित्सा विधियों से इलाज कर रहे हैं। उन्हें नई जिंदगी दे रहे हैं। डॉक्टर-कर्मचारियों की कड़ी मेहनत से केजीएमयू लगातार बुलंदियों को छू रहा है। दुनिया में केजीएमयू का नाम है। इसे और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी है। सरकार हर संभव मदद करेगी। कान्फ्रेंस में शोध और विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार पर डॉक्टर रिपोर्ट तैयार करें। मरीज हित में रिपोर्ट सरकार को सौंपें। उसके आधार पर सरकार आगे के कदम उठाएगी।

लक्षण देखकर इलाज तय हो

केजीएमयू वीसी डॉ। सोनिया नित्यानंद ने कहा कि क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग प्रिसिजेन मेडिसिन को लेकर आगे बढ़ रहा है। इसका सीधा फायदा मरीजों को होगा। क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ। अविनाश अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक मरीज की रोगों से लड़ने की अपनी क्षमता होती है। प्रत्येक मरीज पर बीमारी के हमले का तरीका अलग होगा। ऐसे में मरीज का इलाज एक जैसा नहीं होना चाहिए। प्रत्येक मरीज के लक्षण और शारीरिक क्षमताओं को देखकर ही इलाज तय करना चाहिए।