लखनऊ (ब्यूरो)। परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों के प्रवर्तन दलों द्वारा नियमित बसों की जांच की जाती है। जिसमें बड़ी संख्या में बेटिकट यात्री पकड़े जाते हैं। बीते कई महीनों से लगातार ऐसे यात्री पकड़े जा रहे हैं। वहीं, कई बार बेटिकट यात्री पकड़ में नहीं आते हैं, जिससे विभाग को राजस्व नुकसान भी होता है। इसमें कई बार यात्री तो कई बार कंडक्टर और ड्राइवर साठ-गांठ कर यात्रियों को बिना टिकट बैठा लेते हैं। नवंबर माह में ही 4455 बेटिकट यात्री पकड़े गये थे।

17 हजार से अधिक बेटिकट मिले

परिवहन निगम की बसों में बड़ी संख्या में बिना टिकट यात्री सफर करते है। वहीं, जांच दलों, मुख्यालय नियंत्रित प्रवर्तन दल, इंटर सेंटर दल एवं क्षेत्रिय प्रवर्तन दल द्वारा औचक जांच की जाती है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीते चार माह में 17,982 बेटिक यात्री पकड़े गये है। जिनसे पेनाल्टी भरवाई गई है। बेटिकट यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

मिलीभगत से होता है काम

बसों में बड़ी संख्या में यात्री बिना टिकटसफर करते हैं, जिसमें कई बार बस ड्राइवर और कंडक्टर की भूमिका भी होती है। जो जान-पहचान के लोगों या कुछ पैसा लेकर यात्रियों को बैठा लेते है। खासतौर पर गांवों की ओर जाने वाली बसों में यह काम ज्यादा होता है। जिससे विभाग को राजस्व का भी नुकसान होता है। इसी को देखते हुए नियमित बसों का औचक निरीक्षण किया जाता है, ताकि ऐसे यात्रियों को पकड़ा जा सके।

फोन पर भी देते थे जानकारी

कई बार रोडवेज कर्मचारी मोबाइल से पहले ही प्रवर्तन दलों के आने की जानकारी लीक कर देते हैं, जिसको लेकर ड्राइवर और कंडक्टर के मोबाइल फोन चेक करने के आदेश भी दिये गये थे। पर कार्रवाई को लेकर अधिकारी संजीदा नजर नहीं आ रहे हैं, जिसका फायदा कर्मचारी उठा रहे हैं।

यह है परिवहन के नियम

परिवहन निगम के अधिकारियों के मुताबिक, नियम के तहत अगर कंडक्टर यात्री से पैसा लेकर टिकट नहीं देता है तो कंडक्टर से पेनाल्टी ली जाती है। वहीं, अगर यात्री टिकट नहीं लेता तो उससे पेनाल्टी ली जाती है। इसके अलावा, अगर कहीं 5 यात्री बिना टिकट मिलते हैं तो कर्मचारी को निकाल दिया जाता है। अगर नियमित कर्मचारी है तो पहले स्पष्टीकरण मांगा जाता है, फिर चार्जशीट और दंड लगता है। अगर केसा बड़ा हुआ तो नौकरी से निकाला जाता है। वहीं, संख्या पांच से कम हो तो पेनाल्टी लगाई जाती है। इसके अलावा, अगर कर्मचारी संविदा पर है तो पांच से ऊपर बेटिकट यात्री मिलने पर उसे सेवा से निकाल दिया जाता है।

माह बेटिकट यात्री

नवंबर 4455

अक्टूबर 4901

सितंबर 4577

अगस्त 4049

प्रवर्तन दल द्वारा नियमित जांच की जाती है। नियमों के तहत कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाती है।

-अजीत सिंह, प्रवक्ता, परिवहन निगम