लखनऊ (ब्यूरो)। एक बार फिर से गोमती नदी को स्वच्छ रखने की कवायद शुरू की गई है। जो नया एक्शन प्लान बनाया गया है, उसमें गोमा में गिरने वाले नालों की डबल लेयर टैपिंग करना तथा एसटीपी की क्षमता बढ़ाया जाना शामिल है। साथ ही दौलतगंज समेत कई प्वाइंट्स पर नए एसटीपी को भी स्थापित किए जाने को लेकर प्लान तैयार है। नए एसटीपी बनने से जनता को बेहतर सीवेज सिस्टम की सौगात भी मिलेगी।

अभी ये है व्यवस्था

इस समय भरवारा और दौलतगंज एसटीपी में सीवेज के पानी को ट्रीट कर इसे गोमती में छोड़ा जाता है। करीब 401 एमएलडी पानी ट्रीट किया जा रहा है। इसके साथ ही भरवारा हो या दौलतगंज एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), दोनों में एक ही तकनीक अपनाने की तैयारी की जा रही है, जिसके बाद दोनों एसटीपी से गोमती में जाने वाला सीवेज के पानी में पॉल्यूशन बेहद कम होगा।

दौलतगंज में एसटीपी तैयार

जलनिगम की ओर से एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लान) व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में ठोस रणनीति बनाई गई है। खास बात यह है कि अगले महीने एक एसटीपी तो शुरू होने भी जा रहा है। 39 एमएलडी का यह एसटीपी दौलतगंज में तैयार हो रहा है।

इन एसटीपी का भी प्लान तैयार

दौलतगंज के साथ-साथ बरीकलां में स्थित एमएलडी की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। पहले यहां प्लांट की क्षमता एक एमएलडी थी, जिसे अब बढ़ाकर 3.50 एमएलडी किया जा रहा है। इसी तरह फैजुल्लागंज एरिया में भी 50 एमएलडी प्लांट को स्थापित करने की तैयारी तेज कर दी गई है।

यहां भी नए एसटीपी

जलनिगम की ओर से सहारा सिटी में 75 एमएलडी का प्लांट स्थापित करने के लिए रिवाइज्ड प्रपोजल तैयार कराया जा रहा है। इसके साथ ही बसंतकुंज में भी 120 एमएलडी एसटीपी का प्रपोजल बनाया जा रहा है। कुल मिलाकर जब ये एसटीपी स्थापित हो जाएंगे और काम करना शुरू कर देंगे तो साफ है कि नालों से गोमा में साफ पानी ही जाएगा साथ ही शहरी क्षेत्र में आने वाले इलाकों में भी सीवेज सिस्टम बेहतर होगा।

अपग्रेडेड क्लोरिनेशन सिस्टम लागू

जलनिगम और सुएज इंडिया की ओर से वर्तमान में शोधित होने वाले पानी को और बेहतर करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए दोनों एसटीपी में अपग्रेडेड क्लोरिनेशन सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसका फायदा यह होगा कि अभी तक जो क्लोरिनेशन की तकनीक यूज हो रही थी, अब उससे और ज्यादा एडवांस फॉरमेट में सीवेज को शोधित किया जा सकेगा।

इस तरह समझें

345 एमएलडी क्षमता भरवारा एसटीपी की

56 एमएलडी क्षमता दौलतगंज एसटीपी की

450 एमएलडी सीवेज पानी हो रहा ट्रीट

701 एमएलडी सीवेज हो रहा है जेनरेट

नालों पर फोकस

एक बार फिर से गोमती में गिरने वाले नालों पर फोकस किया गया है। अभी तक 20 से अधिक नालों को टैप किया जा चुका है, जबकि 18 अन्य प्रोसेस में हैं। जो प्लान बनाया गया है, उसमें साफ है कि गोमा में गिरने वाले नालों की डबल टैपिंग होगी। जिससे गोमा में किसी भी सूरत में नाले न गिरें। जब नालों का पानी गोमा में नहीं मिलेगा तो काफी हद तक गोमा निर्मल बनेगी।

पब्लिक का भी सहयोग

गोमा को स्वच्छ रखने के लिए पब्लिक का भी सहयोग लिया जाएगा। दरअसल, गोमा सफाई समितियों की ओर से यह पहले ही क्लीयर किया जा चुका है कि गोमा में जमकर गंदगी फेंकी जा रही है। सफाई अभियान के दौरान भारी मात्रा में प्लास्टिक निकलती है। ऐसे में अब पब्लिक को भी जागरूक करने की तैयारी हो रही है, जिससे लोग गोमा में गंदगी न फेंके। वहीं, गोमा के किनारों पर डस्टबिन भी लगाने की तैयारी हो रही है, जिससे लोग उसमें वेस्ट फेंके न कि गोमा में।

अगले महीने दौलतगंज में 39 एमएलडी का प्लांट संचालित होने लगेगा। इसके साथ ही बरीकलां, फैजुल्लागंज, सहारा सिटी व बसंतकुंज एरिया में भी एसटीपी को लेकर प्लान तैयार हो रहा है। नए एसटीपी बनने से गोमा स्वच्छ होगी साथ ही पब्लिक को भी बेहतर सीवेज सिस्टम की सौगात मिलेगी।

संदीप कुमार, सीई (गंगा), यूपी जलनिगम

गोमा में गिरने वाले करीब 18 नालों को टैप किया जा चुका है। सर्वे कराया जा रहा है, अगर कोई नाला सामने आता है तो उसे भी एक से डेढ़ महीने के अंदर टैप करा दिया जाएगा।

इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त