लखनऊ (ब्यूरो)। जघन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को कम समय में सजा दिलाने के लिए ऑपरेशन कंविक्शन शुरू किया गया। पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म, हत्या, लूट, डकैती, धर्मांतरण और गोकशी करने वाले अपराधियों के खिलाफ गुणवत्तापूर्ण जांच कर पुलिस व अभियोजन विभाग संयुक्त रूप से न्यायालय में पैरवी करता है। इसके लिए लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने अलग-अलग थानों से जघन्य अपराधों के 20-20 मुकदमों चिह्नित कर इसकी समयबद्ध विवेचना पूरी कराकर न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था। पिछले करीब पांच महीने में इसके तहत 187 दोषियों को सजा दिलाई गई है।

लटकी रहती है विवेचना
लखनऊ कमिश्नरेट में 53 पुलिस स्टेशन हैं। जहां आए दिन हत्या, डकैती, दुष्कर्म, अपहरण आदि संगीन मामलों के केस दर्ज किए जाते हैं। इंवेस्टिगेशन ऑफिसर की कमी, लापरवाही के चलते केसों की विवेचना लंबे समय तक अटकी रहती है।

पोर्टल में रहती है डिटेल
यूपी सिंगल साइन ऑन (एसएसओ) यूपी पुलिस का एक पोर्टल है। इसमें पुलिस लॉगिन के बाद केस से जुड़े विवेचना और केस को अपलोड कर रिकार्ड मेनटेन रखती है।

इन केसों में मिली सजा
- हत्या
- रेप
- पॉक्सो एक्ट
- हत्या
- लूट
- डकैती
- धर्मांतरण
- गोकशी


जघन्य अपराधों में शामिल 187 आरोपियों को सजा दिलाई गई है। पेंडिंग केसों की तेजी से जांच कर आगे भी ऑपरेशन कनविक्शन के तहत सजा दिलाई जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
रवीना त्यागी, डीसीपी सेंट्रल