लखनऊ (ब्यूरो)। 'मैैं सिस्टम से हार गया हूं, इसलिए अब लाइफ का दि एंड', 5 मिनट 23 सेकेंड के लाइव वीडियो में अपना दर्द बयां कर युवक ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। अपनी मौत से पहले उसने अपने मालिक रामू उसकी पत्नी व कुछ पुलिसकर्मियों के नाम भी लिए। संडे शाम सुसाइड का यह लाइव वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया। ठाकुरगंज पुलिस एक बार फिर कठघरे में खड़ी हो गई है। पुलिस अब इस मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कर रही है।

मेहनताना मांगने पर पीटा मालिक ने

ठाकुरगंज के शेखपुरा निवासी लक्ष्मी नारायण रावत का बेटा रजनीश रावत (26) मूर्तिकार था और हुसैनबाड़ी में रामू की दुकान पर मूर्ति बनाने का काम करा था। रजनीश ने फेसबुक पर लाइव वीडियो में बताया कि उसे अपने मेहनताने के करीब 25 हजार रुपये मालिक से लेने थे। करीब 20 दिन से वह अपनी मेहनत की कमाई मालिक रामू से मांग रहा था। आरोप है कि मालिक ने उसके पैसे देने की जगह उसे बुलाकर चार-पांच लोगों के साथ मिलकर जमकर पीटा। पिटाई से वह घायल हो गया और उसके शरीर पर कई जगह जख्म हो गए। रजनीश की पत्नी पूजा भारती का आरोप है कि रामू ने घर बुलाया और फिर चाकू से हमला किया। जिससे उसकी पीठ में चाकू लगने से वह गंभीर घायल हो गया था।

कांस्टेबल फोन कर कर रहा था टॉर्चर

वीडियो में रजनीश ने बताया कि मालिक रामू, उसकी पत्नी और उसके कांस्टेबल रिश्तेदार काफी परेशान करने लगे। सैटरडे को दुबग्गा पुलिस चौकी में उसके खिलाफ एक कंप्लेन भी दर्ज करा दी। इसके बाद दुबग्गा चौकी के कांस्टेबल का फोन आने लगा। रजनीश का आरोप है कि वह लोग भी टॉर्चर करने लगे। रजनीश का कहना है कि उसने कई जगह रामू, उसकी पत्नी और कांस्टेबल के खिलाफ कंप्लेन की लेकिन उसकी कोई सुनवाई न होने से वह इतना ज्यादा परेशान हो गया कि उसने आत्महत्या करने का कदम उठा लिया।

लाइव वीडियो में जहर खाते दिखा

टॉर्चर से घबराए रजनीश ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो के जरिए अपना दर्द बयां किया और फिर लाइव वीडियो में जहरीले पदार्थ की पैकेट खोलकर उसके मुंह में भर लिया। लाइव वीडियो उसके भाई ने देखा तो भागकर मौके पर पहुंचा और तड़प रहे रजनीश को इलाज के लिए बलरामपुर हॉस्पिटल लेकर पहुंचा। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सुसाइड का लाइव वीडियो वायरल होने पर पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया। ठाकुरगंज इंस्पेक्टर का कहना है कि रजनीश की पत्नी की तहरीर पर मालिक रामू, उसकी पत्नी व कांस्टेबल और चार अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जानकारी मिलने पर डीसीपी पश्चिमी डॉ। दुर्गेश कुमार मृतक रजनीश के घर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मामले की जानकारी की। इस मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच कराई जा रही है।

'मेरे छोटे-छोटे बच्चे है, अब कहा जाऊं'

रजनीश और उसके पिता दोनों मूर्तिकार हैं। मूर्ति बनाकर ही वे अपने घर का खर्च चलाते थे। बुजुर्ग पिता के बाद सारी जिम्मेदारी रजनीश पर आ गई थी। जिसके चलते वह और ज्यादा मेहनत करने लगा था। मां व पिता के साथ-साथ रजनीश पर पत्नी पूजा और दो छोटे-छोटे बच्चों को पालने का भी भार था। पति की आत्महत्या के बाद पूजा का रो-रोक कर बुरा हाल है। उसका कहना है कि मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं, पति की मौत के बाद हम लोग क्या करेंगे। वहीं, बेटे की आत्महत्या की बात सुनकर रजनीश की मां सुध बुध खो बैठी। रजनीश के आत्महत्या करने के पीछ उन्होंने नामजद आरोपियों और कुलदीप नाम के एक दारोगा को भी जिम्मेदार ठहराया है। इसको लेकर इलाके में भी आक्रोश है।