लखनऊ (ब्यूरो)। हीनियस क्राइम में क्रिमिनल्स की केवल अरेस्टिंग मायने नहीं रखती, उसे उसके क्राइम की सजा दिलाना भी पुलिस के लिए अहम होता है। लखनऊ पुलिस ने इसे साबित भी किया है। बीते 6 महीने में हीनियस क्राइम के 248 केस में लखनऊ पुलिस ने 327 क्रिमिनल्स को न केवल सलाखों के पीछे भेजा बल्कि कोर्ट में मजबूत पैरवी कर उन्हें कठोर सजा भी दिलाई। जिसमें दो केस में अभियुक्तों को मृत्यु दंड तक की सजा सुनाई गई है।

ऑपरेशन कन्विक्शन का असर

ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत कम समय में जघन्य अपराध, पॉक्सो एक्ट, रेप, मर्डर, लूट, डकैती, धर्मांतरण और गोकशी करने वालों के खिलाफ पैरवी कर उन्हें अधिक से अधिक सजा दिलवाई गई। ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 10 साल व उससे अधिक सजा कराने वाले केस में प्रभावी पैरवी करने वाले पुलिस पैरोकारों को लखनऊ पुलिस कमिश्नर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी कर रहे है, ताकि अन्य पुलिस कर्मी भी इसको लेकर सजग हो सकें।

हीनियस क्राइम में दिलाई मृत्यु दंड की सजा

लखनऊ पुलिस ने दो केस में अभिुयक्तों को पैरवी कर मृत्यु दंड तक की सजा दिलाई है। ये केस अलीगंज और हसनगंज थाना क्षेत्र के हैं। 17 मार्च 2016 में अलीगंज थाने में पिता ने नाबालिग बेटी की घर से गायब होने पर गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 17 मार्च शाम 7 बजे नाबालिग बेटी का शव महानगर के छन्नीलाल चौराहा स्थित श्याम सत्संग भवन के पास मिला है। विवेचना के दौरान पुलिस ने मर्डर के साथ रेप व पॉक्सो एक्ट बढ़ाया था। इस मामले में पुलिस ने पुरनिया अलीगंज में रहने वाले केदारनाथ राठौर को गिरफ्तार कर जेल बेजा था। पुलिस की पैरवी से कोर्ट ने 7 नवंबर 2023 को इस मामले में अभियुक्त को मृत्यु दंड की सजा सुनाई।

पत्नी की हत्या में मिली सजा-ए-मौत

हसनगंज पुलिस ने 9 अक्टूबर 2012 को सोहराब अली उर्फ गब्बर को उसकी पत्नी उर्वशी और दोस्त ओम प्रकाश पर जानलेवा हमले के आरोप में गिरफ्तार किया था। गब्बर ने दोनों पर चाकू मारकर घायल कर दिया था। इलाज के दौरान पत्नी उर्वशी की मौत हो गई थी। विवेचना के दौरान हसनगंज पुलिस ने गब्बर पर हत्या व हत्या के प्रयास के अपराध में केस दर्ज किया था। पुलिस की पैरवी के चलते कोर्ट ने 27 सिंतबर 2023 को मृत्युदंड की सजा सुनाई।

कितनों को किस अपराध में मिली सजा

- रेप, मर्डर, पाक्सो एक्ट, लूट और दहेज हत्या के 26 केस में पुलिस ने पैरवी कर 33 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई।

- पाक्सो एक्ट और रेप के 13 केस में पुलिस ने 13 अभियुक्तों को 20 साल की कठोर कारावास की सजा दिलाई।

- हत्या, गैर इरादतन हत्या, रेप, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर, दहेज हत्या के 32 केस में पुलिस ने 40 अभियुक्तों को 10 से 14 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दिलाई।

- अवैध असलहा, वाहन चोरी, दहेज हत्या, जुआ, मारपीट, जालसाजी, नाबालिग को बहसा फुसला कर ले जाने के 175 केस में पुलिस ने पैरवी कर 239 अभियुक्तों को 9 साल की सजा दिलाई।

ठाकुरगंज थाना सबसे आगे

कोर्ट में पुलिस की पैरवी कर आजीवन कारावास की सजा दिलाने की लिस्ट में सबसे पहला नंबर ठाकुरगंज थाना का है। ठाकुरगंज थाने में दर्ज पांच ऐसे केस हैं जिनमें अभियुक्तों को पैरवी कर आजीवन कारावास की सजा दिलाई है। जिसमें 2020 में दर्ज बच्ची से रेप व छेड़छाड़ की घटना शामिल है। जिसमें अभियुक्त अयाज उर्फ छंगा को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20 साल की कठोर सजा दिलाने में काकोरी थाने के सबसे ज्यादा तीन केस हैं।