लखनऊ (ब्यूरो)। हल्द्वानी और बरेली में हिंसा भड़कने के बाद राजधानी में शुक्रवार को जुमे की नमाज पर पुलिस अलर्ट रही। सुबह से ही पुलिस ने पुराने लखनऊ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे नमाज के दौरान टीले वाली मस्जिद समेत पुराने शहर के 61 संवेदनशील स्थलों पर कड़ी निगरानी रखी गई, ताकि शहर में शांति व्यवस्था को बरकरार रखा जा सके।

जेसीपी ने संभाला मोर्चा

गुरुवार को हल्द्वानी में देर शाम हिंसा भड़क गई थी। इसके चलते शहर के अलग-अलग हिस्सों में देर-रात से ही राजधानी पुलिस अलर्ट पर थी। कानून-व्यवस्था को बकरार रखने के लिए नमाज के पहले और बाद में अर्धसैनिक बल, पुलिस और पीएसी के साथ आलाधिकारियों ने अधीनस्थों के संग नक्खास, पाटा नाला, हुसैनाबाद, सआदतगंज, बिल्लौचपुरा में फ्लैग मार्च कर लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई। वहीं, जेसीपी उपेंद्र अग्रवाल ने भी रूमी दरवाजे पर पुलिस बल संग मुस्तैद रहकर मोर्चा संभाला।

10 थानों की पुलिस ने की पेट्रोलिंग

डीसीपी वेस्ट राहुल राज के मुताबिक, सुरक्षा के लिहाज से सुबह से ही शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। खासतौर पर टीले वाली मस्जिद, नक्खास के बिल्लौचपुर स्थित दो मस्जिदों में, मदेयगंज मसालची टोला मस्जिद, नादान महल रोड जामा मस्जिद, बुलाकी अड्डा स्थित मस्जिद और ऐशबाग ईदगाह मस्जिद समेत अन्य इबादतगाहों के पास पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान सुबह से ही पेट्रोलिंग करते दिखे। इस दौरान डीसीपी वेस्ट राहुल राज, एडीसीपी विश्वजीत श्रीवास्तव, एसीपी राजकुमार सिंह, चौक थाना प्रभारी नागेश उपाध्याय समेत करीब 10 थानों का पुलिस फोर्स सड़क पर रही।

37 सेक्टर में बांटा शहर

पुराने लखनऊ में 550 मस्जिदें हैं। पुराने शहर को 37 सेक्टरों में बांटा गया है। पुलिस टीम ने 61 संवेदनशील स्थल चिह्नित किए थे। इसके अलावा शहर के अलग-अलग क्षेत्र में 70 मस्जिदें ऐसी हैं जहां अधिक भीड़ होती है, सुरक्षा के मद्देनजर यहां पर पुलिस ने कड़े इंतजाम किए थे। वहीं, एडीसीपी विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि सब कुछ सामान्य है। एहतियातन पुलिस बल लगाया गया था। शाम को भी संवेदनशील स्थलों पर पुलिस की पेट्रोलिंग होती रही। साथ ही सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी गई।