- अनूप जलोटा ने सजाई गीत-संगीत की शाम

- शताब्दी वर्ष पर सजी संगीत की शाम

LUCKNOW: युवा दिलों पर अपनी खास पहचान बनाने वाले डीजे नारायण ने जब मंच पर कदम रखा तो माहौल में एक सुरूर छा गया। उनके बैंड की धुन छात्रों में जोश भर रही थी। वी लव वी लव रॉकी, गीत गाया तो तालियां और सीटियों की बौछारें शुरू हो गई। मौका था लखनऊ यूनिवर्सिटी की सांस्कृतिक शाम का, जिसमें मशहूर रैपर, रॉक गायक डीजे नारायण के बैंड आर्यंस की प्रस्तुति ने शाम रंगीन कर दी। डीजे नारायण ने मोहल्ले की सड़क वो हाशिम की बगिया सुनाया तो छात्र अपनी दुनिया में खो गए। इसके बाद आंखों में तेरा ही चेहरा, धड़कन में तेरी ही यादें जैसे गीतों से माहौल को खुशनुमा बना दिया। अपनी आखिरी प्रस्तुति में उन्होंने मैं रात हूं, मैं शाम हूं, हां मैं हिन्दुस्तान हूं सुनाया तो परिसर में मौजूद छात्रों में देशभक्ति का उल्लास दौड़ गया। इस बैंड में ड्रम पर सार्थक गायकवाड़, कीबोर्ड पर विक्रांत पूरी और भवानी मालदीव, गिटार पर प्रतीक मुखर्जी, बेस गिटार पर अमित और साउंड पर विष्णु ने अपना जादू चलाया।

ऐसी लागि लगन

शताब्दी वर्ष के अवसर पर भजन सम्राट अनूप जलोटा ने अपनी प्रस्तुति दी। अपनी परफॉमर्ेंस के दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी में छात्र जीवन के किस्से सुनाए। भजन संध्या की शुरुआत अनूप जलोटा ने ए शहर ए लखनऊ मेरा सलाम है, गीत से की। उन्होंने बताया कि यह गीत अभी फ्लाईट में लिखा। इसके बाद ऐसी लागी लगन, अच्युतम केश्वम कृष्ण दामोदरम भजन सुनाकर पूरा वातावरण भक्तिमय कर दिया। इसके बाद एलयू के दिनों को याद करते हुए चिंगारी कोई भड़के उसे कौन बुझाये दमा-दम मस्त कलंदर और श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया और श्याम तेरी बंशी पुकारे राधा नाम भजन सुनाये तो स्टूडेंट्स झूम उठे।