लखनऊ (ब्यूरो)। शहर चाहे आगरा हो या राजधानी लखनऊ, ऑटो-टेंपो और ई-रिक्शा का आतंक हर जगह एक जैसा ही है, जो बेलगाम होकर सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। जो न केवल ओवर लोडिंग कर रहे हैं, बल्कि प्रतिबंधित जगहों पर भी बेधड़क सवारी ले जा रहे हैं। वहीं, ट्रैफिक कर्मी इनको रोकने की जहमत तक नहीं उठाते हैं, जिससे ये निरंकुश होकर पूरे शहर में दुर्घटना का बड़ा कारण बन रहे हैं। ऐसे में विभागों की लापरवाही यात्रियों की जान पर भारी पड़ रही है।

केस 1 - 14 अक्टूबर 2023 को पीजीआई की तरफ से आ रहे ई-रिक्शा को तेज रफ्तार ऑटो रिक्शा ने टक्कर मार दी। ई-रिक्शा में बैठा युवक नीचे दब गया और चालक को चोट आई।

केस 2 - जुलाई 2022 में यहियागंज में ई-रिक्शा के नीचे दबकर 10 वर्षीय मासूम की मौत हो गई थी। घटना के बाद पुलिस ने चालक को पकड़ा।

क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी

आगरा में हाल ही में ट्रक-ऑटो में टक्कर हो गई। जिसमें 6 सवारियों की मौत हो गई। हादसे की वजह ऑटो में क्षमता से अधिक सवारी भरा होना भी सामने आया है। यहीं हाल कमोबेश राजधानी लखनऊ का भी है। जहां 10-10 रुपये के किराए के लिए ज्यादातर ऑटो-टैंपो और ई-रिक्शा वाले क्षमता से अधिक सवारी भर कर ले जाते हैं। नियमों के तहत ऑटो में 3, टैंपो में 6 और ई-रिक्शा में 4 सवारी ही एक बार में ले जा सकते हैं। साथ ही ड्राइवर के अगल-बगल में कोई भी सवारी बैठाना प्रतिबंधित है। पर अधिक कमाई के लालच में ज्यादातर वाहन चालक क्षमता से कई गुना अधिक तक सवारी भर के ले जाते हैं। इतना ही नहीं, कई ऑटो चालक तो अपने दोनों तरफ सवारी बैठा लेते हैं और तेज रफ्तार में बेतरतीब तरीके से वाहन चलाते हैं। यही हाल ई-रिक्शा के साथ भी है। जिसकी वजह से कई बार हादसे हो जाते हैं। कभी अधिक सवारी के भार से ई-रिक्शा पलट जाता है तो कभी ऑटो या टैंपो भिड़ जाती है। जिसकी वजह से सवारियों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है।

क्षमता से अधिक दौड़ रहे वाहन

आरटीओ ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में 4343 ऑटो टैक्सी और 2575 टैंपो टैक्सी ही रजिस्टर्ड हैं। वहीं, करीब 40 हजार से अधिक ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। पर राजधानी में दौड़ रहे ऑटो-टैंपो और ई-रिक्शा की संख्या इन आंकड़ों से काफी अधिक है। विभाग की मिलीभगत के चलते दूसरे जिलो के ऑटो-टैंपो व ई-रिक्शा तक अवैध तरीके से राजधानी में फर्राटा भर रहे हैं। इसके लिए बकायदा हफ्ता तक बंधा हुआ है। जिससे ट्रैफिक और आरटीओ के कर्मचारियों की ऊपरी कमाई भी हो रही है।

प्रतिबंधित क्षेत्र में भी दौड़ रहे

ई-रिक्शा की बात करें तो सबसे ज्यादा अनट्रेंड और कम उम्र के चालकों द्वारा हादसे हो रहे हैं। अधिक क्षमता की सवारी होने से अकसर ई-रिक्शा पलट जाता है। जिससे सवारियां घायल हो जाती हैं। वहीं, राजधानी में हजरतगंज, आलमबाग, महानगर, इंदिरा नगर, कृष्णा नगर समेत 11 जगहों पर ई-रिक्शा के संचालन पर रोक है। इन रास्तों पर निकलने पर चालान किया जा रहा है। पर इसके बावजूद इनपर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। ज्यादातर ई-रिक्शा बेधड़क प्रतिबंधित क्षेत्रों में फर्राटा भर रहे हैं और पुलिस वाले इनपर कोई कार्रवाई नहीं करते। इसके चलते जाम भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। ऐसे में जिम्मेदार विभाग को कड़ाई से इनपर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि हादसों पर रोक लगाई जा सके।