लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू, ट्रामा सेंटर और क्वीन मैरी तक पहुंचना लोगों के लिए कई बार कोई युद्ध लड़ने जैसा काम साबित होता है। दरअसल, यहां पहुंचने के लिए मरीजों और तीमारदारों को जाम और अतिक्रमण की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हुए है, जबकि केजीएमयू प्रशासन कई बार इस बाबत नगर निगम और पुलिस को लेटर लिख चुका है। इस गंभीर मसले को लेकर जिम्मेदारों की उदासीनता की कीमत इन संस्थानों की तरफ आने-जाने वालों को चुकानी पड़ रही है।

फुटपाथ पर अवैध कब्जा

केजीएमयू में न सिर्फ शहर बल्कि पूरे प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। यहां केजीएमयू, ट्रामा, लारी कार्डियोलॉजी, शताब्दी, साइकियाट्री के अलावा क्वीन मैरी में मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिनमें गंभीर मरीजों की संख्या भी काफी ज्यादा होती है। पर केजीएमयू के बाहर बने फुटपाथ और मेन गेट के आसपास अतिक्रमण से इलाके का बुरा हाल हो गया है। यहां अवैध रूप से लगने वाले चाय, पूड़ी-सब्जी, फल वगैरह के ठेलों के चलते अराजकता का माहौल बन जाता है। यहां दिनभर लोगों की भीड़ बनी रहती है। ऐसे में अस्पताल के गेट पर कभी भी कोई बड़ा हादसा होने का खतरा भी बना रहता है।

टैंपो और ई-रिक्शा की अराजकता

यहां आटो, टैंपो और ई-रिक्शा वालों की भी अराजकता फैली रहती है। वे कहीं भी गाड़ी रोककर सवारी उतारने और भरने लगते हैं, जबकि चौराहे पर ही चौकी बनी हुई है। इसके बावजूद यहां नियमों का पालन करवाने वाला कोई नजर नहीं आता और रोजाना यहां जाम की स्थिति बनी रहती है। अकसर यहां एंबुलेंस फंसी नजर आ जाती है, जिससे कई बार गंभीर मरीजों की जान तक पर बन आती है।

कोर्ट का भी आदेश नहीं मानते

केजीएमयू के आसपास अतिक्रमण की समस्या का संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने इसे हटाने का स्पष्ट आदेश दिया था। पर इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग आंख मूंद कर बैठा हुआ है। इतना ही नहीं, डिप्टी सीएम, नगर आयुक्त और पुलिस विभाग बैठक करके इसे योजनाबद्ध तरीके से हटाने के लिए व्यवस्था को लेकर बैठक कर चुके हैं, पर उस बैठक को भी एक साल से ऊपर हो चुका है।

कई बार लिखा जा चुका लेटर

केजीएमयू अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण और उससे होने वाली समस्या को लेकर कई बार नगर निगम और चौक पुलिस को लेटर लिखा जा चुका है। हालांकि, एक-दो दिन कार्यवाही करने के बाद स्थिति दोबारा वैसे ही हो जाती है। दरअसल, यहां लगने वाली अवैध दुकानें काली कमाई का बड़ा जरिया बन चुकी हैं, जिसकी वजह से इनपर कोई कार्यवाही नहीं होती। हालांकि, जब कोई वीआईवी मूवमेंट होता है तब अतिक्रमण जरूर हटा दिया जाता है।

अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम और चौक पुलिस को कई बार लेटर लिखा जा चुका है, पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी होती है।

-डॉ। सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू