लखनऊ (ब्यूरो)। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, मुंबई यूनिवर्सिटी समेत देश की अन्य यूनिवर्सिटीज की तर्ज पर अब शहर की लखनऊ यूनिवर्सिटी भी नए शैक्षिक सत्र से एमए इन हिंदू स्टडीज का कोर्स शुरू करेगी। यह कोर्स दो साल का होगा। एलयू के वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए यह जानकारी दी। इस मौके पर धर्म सम्राट करपात्री महाराज के शिष्य आचार्य अभिषेक ब्रम्हाचारी जी महाराज भी शामिल हुए। वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने बताया कि स्वामी जी महाराज के प्रस्ताव और उनसे बातचीत के आधार पर एलयू में यह कोर्स चलाने पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि एलयू एमए इन हिंदू स्टडीज कोर्स के अलावा संस्कृत व प्राच्य संस्कृत विभाग में सनातन वैदिक संस्कृति पेपर को भी जोड़ेग, जिसमें वेदों के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह कंपलसरी पेपर होगा, जिसे अंडर ग्रैजुएट व पोस्ट ग्रैजुएट स्टूडेंट्स के लिए शुरू किया जाएगा। इस कोर्स में स्टूडेंट्स वेद का स्वरूप व प्रमाण, वेदों के बारे में जो भी भ्रांतियां फैली हैं, उन्हें पढ़ेंगे। इस कोर्स का मकसद हिंदू समाज में वेदों को व्यापक स्तर पर प्रचार करना है। इस कोर्स के जरिए स्टूडेंट्स सनातन धर्म को बेहतर समझ पाएंगे व उन्हें अपनी संस्कृति से जुड़ने का एक सुनहरा मौका मिलेगा।

हिंदू अध्ययन केंद्र की भी होगी स्थापना

प्रो। आलोक कुमार राय ने बताया कि लखनऊ यूनिवर्सिटी हिंदू अध्ययन केंद्र स्थापित करने जा रही है। इस हिंदू अध्ययन केंद्र के तहत ही एमए इन हिंदू स्टडीज का कोर्स चलाया जाएगा। इसके अलावा, एक शोध पीठ को भी स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को देने जा रहे हैं, इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। हिंदू अध्ययन शोध पीठ के अलावा एलयू हिंदू अध्ययन में रिसर्च को विस्तार देने पर भी विचार कर रहा है, इसके तहत जेआरएफ को फेलोशिप देने की भी योजना है। यह अगले शैक्षिक सत्र से शुरू हो जाएगा। इस संबंध में समस्त कार्यवाही जैसे सिलेबस, पेपर इत्यादि को बोर्ड आफ स्टाडिज, फैकल्टी बोर्ड व अन्य समितियों से पास कराकर अगले सत्र से शुरूआत करेंगे। नई शिक्षा नीति के तहत आगामी वर्ष में एक वर्ष के पीजी की शुरूआत होने वाली है। इसी तरह 2 वर्ष के पीजी को पुन: रीस्ट्रक्चर किया जा रहा है। इसका लाभ लाइब्रेरी, व अन्य संस्थानों में भी किया जा सकेगा।

प्रस्ताव था कि यूनिवर्सिटी में जिस प्रकार से अन्य धर्मों के संबंध में अध्ययन कराया जाता है उसी प्रकार से एक हिंदू अध्ययन केंद्र की भी स्थापना की जाए, जिसकी पूर्ति के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर काफी दिनों से प्रयास किये जा रहे हैं और विश्वविद्यालय प्रस्ताव की पूर्ति हेतु अब लगभग तैयार हो चुका है।

प्रो। आलोक कुमार राय, एलयू वीसी

देश में राम युग की शुरुआत हो चुकी है। भारत वेद शास्त्र आधारित देश है। करपात्री जी महाराज ने वेदों को सिद्ध किया है और उसकी प्रमाणिकता को स्थापित किया है। मैंने इस संबंध में कुलपति से अनुरोध किया कि वे एक शोध पीठ की भी स्थापना करने का प्रयास करें, जिसे पाठ्यक्रम में भी शामिल करें। मैं इनको कार्य के सहयोग हेतु साधुवाद देता हूं।

आचार्य अभिषेक ब्रम्हाचारी जी महाराज

श्यामलेश कुमार तिवारी का हुआ सम्मान

प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्राच्य संस्कृत विभाग के शिक्षक डॉ। श्यामलेश कुमार तिवारी को माला पहना कर स्वागत व अभिनंदन किया गया। श्यामलेश तिवारी विगत दिनों अयोध्या में संपन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के 9 आचार्यों में से एक थे।