लखनऊ (ब्यूरो)। पं राकेश पांडेय के अनुसार अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:36 से 12:36 तक होगा। जबकि कलश स्थापना सूर्योदय के बाद से लेकर 3:28 से पहले कर सकते है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। सबसे पहले चौकी पर माता शैलपुत्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करते हुए चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। साथ में श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका, सात सिंदूर की बिंदी लगाकर स्थापना करें। इसके बाद ओम शैल पुत्रैय नम एकाक्षरी बीज मंत्र का जाप करे। देवी को सफेद पुष्प अर्पित करें। मां शैलपुत्री की आराधना से दाम्पत्य सुख का लाभ मिलता है।

कोरोना योद्धाओं को समर्पित दुर्गापूजा
उत्सव संस्था द्वारा सेक्टर-एफ जानकीपुरम स्थित दुर्गा पूजा पार्क में इसबार दुर्गा पूजा कोरोना योद्धाओं को समर्पित की लाएगी। उत्सव के चेयरमैन सौरव बंधोपाध्याय ने बताया कि 10 से 15 अक्टूबर तक होने वाले दुर्गा पूजा के मंडप को रामकृष्ण मठ, नई दिल्ली के तर्ज पर 3600 वर्ग फिट एरिया एवं 65 फिट ऊंचा बनाया जा रहा है। कोविड प्रोटोकाल के तहत दर्शन के लिए एक समय में 50 और आरती के समय 100 भक्तों को प्रवेश दिया जायेगा। इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम और दुकानेें नहीं होंगी।

पुजारी नहीं चढ़ाएंगे प्रसाद
चौपटिया के संदोहन देवी मंदिर में भी प्रतिबंधों के बीच दर्शन होंगे। अध्यक्ष कमल मेहरोत्रा ने बताया कि पुजारी प्रसाद नहीं चढ़ाएंगे। शारीरिक दूरी के साथ श्रद्धालु मां के दर्शन करेंगे और खुद प्रसाद चढ़ाएंगे। बच्चों और बुजुर्गो के प्रवेश पर रोक रहेगी। आनंदी माता मंदिर, शास्त्रीनगर श्री दुर्गा मंदिर, मां पूर्वी देवी मंदिर ठाकुरगंज, संतोषी माता मंदिर के साथ ही पक्का पुल स्थित मरी माता मंदिर, राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर समेत राजधानी के सभी दुर्गा मंदिरों में नवरात्र पर सुरक्षा के साथ दर्शन के इंतजाम होंगे।

मंदिरों में सफाई की व्यवस्था
दूसरी ओर राजधानी के मंदिरों में नवरात्रि पूजन के मद्देनजर मेयर संयुक्ता भाटिया ने विभिन्न मंदिरों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने साफ-सफाई कराने और पर्याप्त सुविधाओं के लिए निर्देशित किया।