लखनऊ (ब्यूरो)। सरकारी अस्पतालों में परामर्श से लेकर जांच तक फ्री है। पर अधिकारियों ने इसके बावजूद करीब 15 सरकारी अस्पतालों में हेल्थ एटीएम भी लगा दिए हैं, जहां मरीजों को चार्ज देना पड़ता है। इन हेल्थ एटीएम में कई मशीनें बंद पड़ी हैं तो कहीं मरीज तक नहीं मिल रहे। ये मशीनें रखे-रखे कबाड़ हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इनको अस्पतालों की जगह ग्रामीण या ऐसी जगह लगाया जाना चाहिए जहां इनका उचित इस्तेमाल हो सके।

कई जांचें हुईं शुरू

स्मार्ट सिटी के तहत राजधानी में करीब 100 जगहों पर हेल्थ एटीएम लगाये गये हैं। इनमें पर बीपी, शुगर, वेट, ब्लड व यूरीन से जुड़ी जांचें होती हैं, जिसकी फीस भी निर्धारित की जा चुकी है। वहीं, एक्सपर्ट से परामर्श के लिए मरीजों को 200 रुपये खर्च करने होते हैं। पर इस सुविधा का फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

कई जगह बंद है मशीन

हेल्थ एटीएम राजधानी के लोकबंधु, बलरामपुर, सिविल, रेडक्रास, रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल समेत कई सीएचसी और पीएचसी आदि में लगे हैं। करीब 15 सरकारी मेडिकल संस्थानों में इन्हें लगाया गया है। पर इनमें कई जगहों पर मशीनें बंद पड़ी हैं, तो कई जगह इस्तेमाल ही नहीं हो रही हैं। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, शुरुआत में कुछ जांचें फ्री थीं, लेकिन अब जांच और परामर्श के लिए फीस ली जा रही है, जबकि अस्पताल में यह सुविधा फ्री है। ऐसे में मरीज वहां जांच ही नहीं करवा रहे हैं, जिसके कारण इन मशीनों का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं, कई जगहों पर तो हेल्थ एटीएम पर ताला तक लगा हुआ है।

92 हेल्थ एटीएम जोड़े जा चुके

हेल्थ एटीएम पर जांच और परामर्श को लेकर पीजीआई द्वारा मदद दी जा रही है। यहां इसके नोडल इंचार्ज डॉ। पीके प्रधान ने बताया कि इस समय 92 हेल्थ एटीएम जोड़े जा चुके है। ये कहां-कहां लगे हैं और किस कंडीशन में हैं, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। यह फैसला स्मार्ट सिटी का होता है। हम लोग 2022 से अबतक करीब 1 लाख 22 हजार पेशेंट देख चुके हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगे हेल्थ एटीएम में रोजाना 300-350 जांचें हो रही हैं, जिनमें बीपी, शुगर, ब्लड, लिपिड और यूरीन की जांच भी शामिल है। हालांकि, सभी जांचें नहीं हो पा रही है, जिसको जल्द ही शुरू किया जाएगा।

नर्स देखती हैं व्यवस्था

डॉ। प्रधान ने बताया कि 100 हेल्थ एटीएम के लिए करीब 100 लोगों को हायर किया गया है। इन सेंटर्स पर नर्स की तैनाती रहती है, जो सैंपल लेने का काम करती है। वहीं, परामर्श के लिए एमबीबीएस डॉक्टर रखे गये हैं, जो जरूरत पड़ने पर परामर्श देते हैं और दूसरे संस्थानों के लिए रेफर भी करते हैं।

निरीक्षण में मिली थीं खामियां

हाल ही में मंडलायुक्त डॉ। रौशन जैकब द्वारा कई हेल्थ एटीएम का निरीक्षण किया था। इस दौरान उनको तमाम खामियां मिली थीं। कहीं, किट नहीं मिली तो कहीं जांच नहीं हो रही थी, जिसपर उन्होंने नाराजगी जताते है इन कमियों को दूर कर रिपोर्ट तलब की थी।

92 हेल्थ एटीएम जोड़े जा चुके है। कुछ जांचें शुरू हो चुकी हैं। हालांकि, इन हेल्थ एटीएम को लगाने की व्यवस्था स्मार्ट सिटी करता है।

-डॉ। पीके प्रधान, नोडल इंचार्ज