- रमजान की तीन रातें 19वीं, 21वीं व 23वीं महत्वपूर्ण

- हेल्पलाइन पर लोग पूछ रहे सवाल

LUCKNOW: माहे रमजान का 15वां रोजा शनिवार को पूरा हुआ। माहे रमजान में आधे रोजे पूरे होने पर मुसलमानों में खुशी नजर आई। धर्मगुरुओं का भी मानना है कि रमजान में खासतौर पर अल्लाह अपना वादा पूरा करता है। अल्लाह चूंकि अपना वादा पूरा करता है इसलिए इस खूबी की रोशनी में यह बात सामने आती है कि बंदा भी अपने अहद पर कायम रहे। यहां वादे से मतलब नेक काम से है। ऐसे में वादा, काम, नीयत व मदद सहित नेकदिली और नेक अमल शर्त है। ऐसे में हर रोजेदार को चाहिए कि अपने गुनाहों की माफी मांगते हुये अच्छे कामों को करने का वादा करते हुये उसपर अमल करें।

शिया हेल्पलाइन

सवाल । क्या रोजे के कफ्फारे में साठ गरीबों को खाना खिलाने के बदले नकद पैसे दे दें तो सही होगा?

जवाब । खाने के बदले में पैसा देना सही ना होगा बल्कि खाना खिलाना अनिवार्य है।

सवाल । क्या जकात नकद रुपये पर है?

जवाब । शिया धर्म में जकात नौ चीजों पर है। सोना, चांदी, भेड़-बकरी, ऊंट, गाय, बैल, गेंहू, जौ, किशमिश, खजूर आदि पर नगद पैसों पर अनिवार्य नहीं होता है।

सवाल क्या पहनने वाले आभूषणों पर जकात अनिवार्य होगा?

जवाब । वह सोने के आभूषण जो महिलाएं पहनने के लिए प्रयोग करती हैं उस पर जकात अनिवार्य नहीं है।

सवाल । शबे कद्र कौन सी रातों को कहा गया है?

जवाब । रमजान की तीन रातें 19वीं, 21वीं व 23वीं महत्वपूर्ण हैं, जिसे शबे कद्र कहा गया है।

सवाल । क्या कर्ज लिए हुए पैसे पर खुम्स अनिवार्य है?

जवाब । जो पैसे मनुष्य के कब्जे में है और उसे खर्च करने पर कोई आपत्ति नहीं है तो उस पर खुम्स अनिवार्य होगा।

सुन्नी हेल्पलाइन

सवाल । मौजूदा बीमारी से बचने के लिए घर में रहने की सलाह दी गयी है तो उसकी कोई मिसाल इस्लामी शरीअत में मिलती है?

जवाब । रसूल पाक सल्ल ने फरमाया कि जब कोई फैलने वाली बीमारी जिससे मौत आ सकती हो जब वह फैले तो अगर कोई आदमी अपने घर में बैठा रहे सब्र करते हुए और एहतियात करते हुए इस नियत से कि सवाब मिलेगा और उसको यह यकीन है कि वही होगा जो खुदा पाक ने लिखा है तो उसको शहीद का सवाब मिलता है।

सवाल । किसी मकान या दुकान को किराये पर देने के लिए पगड़ी लेना शरअई ऐतिबार से कैसा है?

जवाब । किसी दुकान या मकान को किराये पर देने के लिए पगड़ी लेना जायज नहीं है।

सवाल । क्या रोजे की हालत में बवासीरी मरहम लगा सकते हैं?

जवाब । रोजे की हालत में अगर कोई चीज बाहर से पेट के अंदर दाखिल हो जाये तो रोजा टूट जाता है इसलिए मरहम का पेट के अंदर पहुंचने का डर हो तो नहीं लगाना चाहिए।

सवाल । अगर इमाम ने तरावीह की तीन रकआत एक साथ पढ़ा दी तो क्या इन रकआतों में पढ़े हुए कुरान का ऐतिबार किया जायेगा?

जवाब । तीन रकआत पढ़ने की सूरत में वह नमाज बातिल हो गयी और जब नमाज बातिल हो गयी तो उसमें पढ़ा हुआ कुरान भी तरावीह में शुमार नहीं होगा इसलिए इसका लौटना जरूरी है।

सवाल । अगर नमाज की हालत में किसी गैर नमाजी का लुक्मा ले लिया तो क्या नमाज हो जायेगी?

जवाब । नमाज़ में बाहर से मदद लेने से नमाज टूट जाती है इस लिए बाहर से किसी ने लुक्मा दिया और कुबूल भी कर लिया गया तो नमाज़ टूट गयी।

कोट

इस बार रमजान में खुदा पाक से यही दुआ है कि वो हम सब को इस कोरोना नामक वबा से महफूज रखें। इसके साथ दूसरों से भी कहूंगा कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करें और इस बार ईद पर महंगी शॉपिंग की जगह गरीब बच्चों की ईद खुशियों से भर दें क्योंकि उनको भी ईद मनाने का उतना ही हक है, जितना हम लोगों को है।

। असमत जमाल, बालागंज

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