लखनऊ (ब्यूरो)। हवा की शुद्धता मामले में राजधानी लखनऊ को पहली रैैंकिंग तो मिल गई लेकिन अब इस रैैंकिंग को बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि राजधानी में एक्यूआई लेवल कभी डाउन हो जाता है तो कभी हाई। निगम प्रशासन के बेहतर प्रयासों से एक्यूआई लेवल 400 तक तो नहीं पहुंचा लेकिन दो इलाके ऐसे हैैं, जिन पर फोकस किया जाना जरूरी है। इन दो इलाकों में तालकटोरा और लालबाग एरिया शामिल है। पहले जहां सिर्फ तालकटोरा एरिया ही सबसे अधिक प्रदूषित माना जाता था, वहीं अब लालबाग ने तालकटोरा एरिया को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि एक्यूआई मामले में अन्य इलाकों की स्थिति बेहतर मानी जा सकती है।

दिवाली के बाद बढ़ता है एक्यूआई लेवल

राजधानी लखनऊ की बात की जाए तो यहां दिवाली के बाद एक्यूआई लेवल में खासी उछाल देखने को मिलती है। ओवरऑल लखनऊ के एक्यूआई की बात करें तो आंकड़ा 270 तक पहुंच जाता है, जबकि तालकटोरा और लालबाग एरिया का एक्यूआई लेवल 300 के पार तक चला जाता है। कोविड से पहले की बात करें तो राजधानी का ओवरऑल एक्यूआई 400 तक भी पहुंच चुका है। कोविड के बाद अभी तक फिलहाल ऐसी भयावह स्थिति देखने को नहीं मिली है।

फरवरी से एक्यूआई कंट्रोल में

फरवरी माह के अंतिम सप्ताह से एक्यूआई लेवल कंट्रोल में आ जाता है। यह स्थिति सितंबर-अक्टूबर माह तक देखने को मिलती है। इसी साल की बात करें तो उक्त महीनों में राजधानी का ओवरऑल एक्यूआई 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से कम रहा है। इनमें तालकटोरा और लालबाग एरिया भी शामिल हैैं।

ये कदम उठाने होंगे

1-लालबाग, तालकटोरा

2-जहर उगलते वाहनों पर तत्काल लगाम की जरूरत

3-जाम की समस्या को समाप्त किया जाना

4-कूड़े के ढेरों और मलबा उठान व्यवस्था पर फोकस

5-वॉटर स्प्रिंकलर्स से लगातार पानी का छिड़काव

6-पब्लिक को जागरुक किया जाना

अभी तक दिखे प्रयास

अभी तक नगर निगम की ओर से पॉल्यूशन लेवल कंट्रोल करने के लिए खासे प्रयास किए गए हैैं। जिसकी वजह से ही हवा की शुद्धता रैैंकिंग में निगम को पहला स्थान मिला है। कूड़े के ढेरों में आग लगाए जाने पर रोक का भी असर देखने को मिला है। निगम कर्मियों को भी पहले ही हिदायत दी गई थी कि कोई भी वेस्ट के ढेर में आग नहीं लगाएगा और ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। अंतत: वेस्ट के ढेरों में लगने वाली आग के मामले लगभग समाप्त हो गए।