- सब्जी, अनाज, फल और अन्य सामग्री की बिक्री के लिये तय किया अलग-अलग समय

- सप्लाई चेन न टूटने देने से नहीं बढ़ सके सब्जी, फल व अनाज के दाम, आटा की कीमत भी काबू में

- रेट लिस्ट जारी कर मुनाफाखोरों पर कसी नकेल, दूसरे जिलों से भी आ रही क्वायरी

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW : जिला प्रशासन के अफसर जहां एक तरफ कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं वहीं, आम लोगों को इस दौरान कोई दिक्कत न हो इसका भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। इसी के तहत राजधानी में अनाज, सब्जी, फल मंडी के संचालन के लिये जो मॉडल तैयार किया वह देश के लिये आइडियल बन रहा है। राजधानी समेत आठ जिलों में जरूरी सामानों की सप्लाई करने वाली नवीन मंडी स्थल, अलीगंज व दुबग्गा मंडी में लागू किया गया यह मॉडल नजीर पेश कर रहा है। आइये आपको बताते हैं इस मॉडल और उससे मिले अच्छे परिणामों के बारे में

तीन बिंदुओं पर किया काम

एडीएम ट्रांसगोमती व मंडी समिति के सभापति विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि लॉक डाउन शुरू होते ही वे और उनकी टीम इस काम में जुट गए कि किसी को भी जरूरी सामानों जैसे फल, सब्जी, अनाज आदि की किल्लत न होने पाए। इसके लिये तीन बिंदुओं उपलब्धता, वाजिब कीमत और गुणवत्ता युक्त सामानों की सप्लाई पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने बताया कि जरूरी सामान देशभर में जहां से भी आते हैं, उन राज्यों के अफसरों से डायरेक्ट संपर्क बनाया गया और सभी आढ़तियों के जरिए उन राज्यों के व्यापारियों को सूचित किया गया कि अगर उनकी ट्रक कहीं भी रोकी जाए तो वे तुरंत फोन पर संपर्क करें। इसका यह फायदा यह हुआ कि जो ट्रक जहां भी रोका गया उसे संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर छुड़वाया गया। इसकी वजह से सप्लाई चेन नहीं टूट सकी और चीजों के दाम सीमा के भीतर रहे।

तय किया बिक्री का टाइम टेबल

सप्लाई चेन को बरकरार रखने में सफलता मिलने के साथ ही मंडियों में लॉकडाउन प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन हो सके, इसके लिये फल, सब्जी और अनाज की बिक्री का टाइम टेबल बना दिया गया। एडीएम मिश्र बताते हैं कि उन्होंने जो समय निर्धारित किया उसके मुताबिक, रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक सब्जी की बिक्री होगी। इसके बाद करीब डेढ़ घंटे पूरे मंडी स्थल को खाली कराकर उसे सेनेटाइज किया जाता है। सुबह 6.30 से 10.30 बजे तक फल की बिक्री की जाती है। रमजान होने की वजह से बाजार में खजूर की मांग ज्यादा है, इसके लिये दोपहर 12 से 3 बजे के बीच दोनों मंडियों में सिर्फ खजूर की बिक्री होती है। वहीं, गर्मी के सीजनल फल खरबूजा व तरबूज की बिक्री के लिये शाम 5 बजे से 8 बजे तक समय निर्धारित किया गया। इसके बाद एक बार फिर पूरे मंडी स्थल को सेनेटाइज किया जाता है। टाइम टेबल निर्धारित होने से सभी व्यापारी एक साथ मंडी में नहीं आते। इसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का भी पालन हो सका।

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आटे के दाम इस तरह किये काबू

कोरोना संक्रमण के खतरे से लोगों को बचाने के लिये लॉक डाउन की घोषणा की गई। यह घोषणा होते ही आम लोग आटा व अन्य जरूरी सामान जमा करने में जुट गए। इस परिस्थिति का मुनाफाखोरों ने लाभ उठाना शुरू कर दिया। अचानक पैदा हुई इस परिस्थिति से निपटने में लखनऊ जिला प्रशासन ने तुरंत एक्शन शुरू कर दिया। एडीएम विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से फौरन 10 हजार क्विंटल गेहूं लेकर राजधानी की मंडियो में पहुंचा दिया गया। गेहूं पहुंचते ही इसे पिसवाकर शहर भर में सप्लाई शुरू हो गई। जिला प्रशासन के इस क्विक एक्शन से आटे की कीमत काबू में आ गई।

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जारी कर दी रेट लिस्ट

आटे व अन्य जरूरी सामानों पर मुनाफाखोरों की नजर पड़ती देख आनन-फानन सभी खाद्य पदार्थो की रेट लिस्ट जारी कर दी गई। इसके साथ ही आदेश दिया गया कि अगर तय कीमत से अधिक कीमत पर अगर किसी ने खाद्य पदार्थ व राशन बेचा तो उसके खिलाफ लाइसेंस कैंसल करने से लेकर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। कीमतों पर नजर रखने के लिये सेल्स टैक्स, बांट-माप व मंडी परिषद के अधिकारियों व कर्मियों की 35 टीमें बना दी गई। इसका असर यह हुआ कि खाद्यान्न, फल व सब्जी के रेट काबू में रहे।

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इन जिलों को कवर करती हैं दोनों मंडियां

जिला जनसंख्या (लाख में)

लखनऊ 45.9

सीतापुर 44.83

हरदोई 40.9

लखीमपुर 40.02

सुल्तानपुर 37.97

बहराइच 34.07

रायबरेली 34.10

बाराबंकी 32.60

वर्जन

दुबग्गा मंडी स्थल व नवीन मंडी स्थल, अलीगंज में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिये सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिसकी फीड अलीगंज मंडी में बनाए गए कंट्रोल रूम में पहुंचती है। फीड की निगरानी कर रहे कर्मी नियमों का उल्लंघन देखते ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम से संबंधित दुकानदार व मंडी में तैनात कर्मियों को अलर्ट किया जाता है।

- विश्वभूषण मिश्र, एडीएम टीजी, सभापति मंडी समिति