लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी की बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था का ठीकरा जहां ट्रैफिक विभाग पर फोड़ा जाता है, वहीं एक सच यह भी है कि चंद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के भरोसे ही हर दिन लाखों वाहन चौराहों से गुजरते हैं। ऐसे कई व्यस्त चौराहे हैं जहां हर दिन लाखों वाहनों का प्रेशर रहता है, जिसके चलते ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है। अवध चौराहा शहर के सबसे बिजी चौराहों में शूमार है जहां से हर घंटे 20 हजार वाहन गुजरते हैं। इनमें दो पहिया, चार पहिया, कामर्शियल व हैवी व्हीकल शामिल हैं। यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है।
शहर के सबसे व्यस्त चौराहे
चौराहा प्रति घंटा गुजरते वाहन
अवध चौराहा 20,483
हजरतगंज चौराहा 19,114
पॉलीटेक्निक चौराहा 14,366
आईटी चौराहा 7,799
नोट: 6 दिसंबर 2022 को शाम 5 से 7 बजे के बीच किया गया सर्वे
60 फीसदी चौराहों पर हैवी लोड
शहर में करीब 513 तिराहे व चौराहे हैं। इनमें 123 चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती है। उनमें से 60 फीसदी ऐसे चौराहे है जहां पर हर वक्त हैवी ट्रैफिक लोड रहते है। केवल अवध, पॉलीटेक्निक, हजरतगंज और आईटी चौराहा ही नहीं बल्कि कमता चौराहा, चारबाग, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा समेत कई ऐसे चौराहों पर मानक से कई गुना ट्रैफिक लोड रहता है। कई बार व्यस्त चौराहों की तरफ जाने से बचा भी जा सकता है, लेकिन गंतव्य पर जल्दी पहुंचने के चलते लोग लंबे मार्ग का प्रयोग नहीं करते।
ट्रैफिक सिग्नल के बाद भी कंट्रोलर की ड्यूटी
शहर के 123 चौराहों पर ऑटोमैटिक ट्रैफिक सिग्नल से ट्रैफिक रन कराया जा रहा है। इसकी संख्या लगातार बढ़ भी रही है। हालांकि, एक तरफ जहां सिग्नल के जरिए ट्रैफिक रन कराने का दावा किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ उन्हीं सिग्नल पर मैनुअल ट्रैफिक को भी लगाया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे चौराहों पर मैनुअल ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी तो ट्रैफिक का ओïवरलोड इस कदर बढ़ जाएगा कि सिग्नल जंप करने के अलावा जाम तक की स्थिति बन जाएगी।
शहर के बहुत से चौराहों पर वाहनों का ओवरलोड है। इसे पब्लिक की सूझ-बूझ और वैकल्पिक मार्ग के दूर किया जा सकता है। इसके लिए मार्ग बनाए भी जा रहे हैं। ओवरलोड चौराहों पर ट्रैफिक ड्यूटी लगाकर लगातार काम किया जा रहा है ताकि जाम की स्थिति न बने।
-सैफुद्दीन बेग, एसीपी ट्रैफिक