लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में बिना लाइसेंस टिकट बुक करने वाली एजेंसियां यात्रियों से मनचाहा किराया वसूल रही हैं। ये कंपनियां अपने यहां बुकिंग का कोई रिकार्ड भी नहीं रखती हैं। ऐसी एजेंसियों पर शिकंजा कसने की तैयारी आरटीओ प्रशासन ने शुरू कर दी है। ऐसी एजेंसियों से दस दिन के अंदर लाइसेंस लेने को कहा गया है, इसके बाद एजेंसियों को नोटिस देकर बंद कराया जाएगा।

सारा धंधा ऑनलाइन

विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस तरह की कई अवैध ट्रैवल एजेंसियां राजधानी में हैं। इनका सारा धंधा ऑनलाइन होता है, जिससे लोगों को यह पता ही नहीं चलता है कि एजेंसियां सही हैं या नहीं। वाहनों की बुकिंग के साथ-साथ ये एजेंसियां टिकटों की भी गलत तरीके से बुकिंग करती हैं। इसके लिए पैसेंजर्स से मनचाहा किराया वसूला जाता है। डग्गामार बसों में भी सवारियों की बुकिंग का काम किया जाता है। ऑनलाइन बुकिंग होने से अगर यात्रा को दौरान कोई हादसा होता है तो कई बार इसकी जानकारी व्यक्ति के परिवार तक भी नहीं पहुंचती है।

सभी ट्रैवल एजेंसियां दस दिन में आरटीओ ऑफिस से लाइसेंस ले लें। इसके बाद अभियान चलाकर अवैध एजेंसियां बंद कराई जाएंगी।

-निर्मल प्रसाद, उप परिवहन आयुक्त लखनऊ जोन, परिवहन विभाग

ऑफिस तक नहीं हैं

कई अवैध ट्रैवल एजेंसियों के राजधानी में ऑफिस तक नहीं है। जिसके चलते इन पर लगाम लगाना मुश्किल भरा होता है। जानकारी के अनुसार राजधानी में करीब 600 से अधिक ट्रैवल एजेंसियां हैं। इनमें से अधिकतर ने आरटीओ ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म तो भरा है लेकिन न तो बाकी औपचारिकताएं पूरी की हैं और ना ही फीस जमा की है।