लखनऊ (ब्यूरो)। देवां रोड स्थित अपट्रान चौकी के पास वीरेंद्र यादव की गीता अलमीरा के नाम से फैक्ट्री है। सोमवार तड़के फैक्ट्री से धुआं और आग की लपटें निकलती देख गार्ड ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर आस पड़ोस के लोग दौड़े उन्होंने पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। देखते-देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग बेकाबू होते देख लोगों ने सुबह 7.30 बजे फायर ब्रिगेड को सूचना दी।

धमाकों से मची अफरा तफरी
इस बीच आग की तपिश से फैक्ट्री में रखे सिलिंडर ताबड़तोड़ धमाकों के साथ फटने लगे। आस पड़ोस में अफरा-तफरी मच गई। लोग भागने लगे। आग की जानकारी पाकर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित टाटा टेल्को फैक्ट्री से भी एक फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची गई, लेकिन हालात काबू नहीं हो सके। इसके बाद चंद मिनट में गोमती नगर फायर स्टेशन से एक के बाद एक करीब आधा दर्जन फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचीं और फायर कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।

शार्ट सर्किट के चलते लगी आग
अग्निकांड के दौरान फैक्ट्री में रखी बड़ी संख्या में अलमारियां और एक स्कूटी भी जल गई। आग से फायर फाइटिंग सिस्टम भी जलकर राख हो गये। एफएसओ गोमतीनगर के मुताबिक प्राथमिक जांच में पता चला है कि शार्ट सर्किट के कारण आग लगी है। शार्ट सर्किट से निकलने वाली चिंगारी अलमारी पैक करने वाले गत्ते के ढेर पर पड़ी और आग ने बड़ा रूप ले लिया। आग लगने के मूल कारणों की जांच की जा रही है।

फैक्ट्री में नहीं थे अग्निसुरक्षा के संसाधन
सीएफओ विजय कुमार ने बताया कि फैक्ट्री में आग से बचाव के पर्याप्त संसाधन नहीं थे। फैक्ट्री के पास फायर विभाग की एनओसी थी कि नहीं इसकी भी जांच की जा रही है। फैक्ट्री मालिक को नोटिस देकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खानापूर्ति के लिए फैक्ट्री में दो फायर फाइटिंग सिस्टम रखे थे, लेकिन कर्मचारियों को उसे चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। ऐसे में उसका यूज नहीं किया जा सका।

तो हो सकता था बड़ा हादसा
फैक्ट्री में अलमारी बनाने व उसकी वेल्डिंग करने के लिए एलपीजी का यूज किया जाता है। फैक्ट्री में करीब 20 से 25 एलपीजी भरे हुए बड़े सिलिंडर रखे थे। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने तत्काल उन सिलिंडरों को बाहर निकाला। आग अगर एलपीजी सिलिंडर तक पहुंच जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

पास में है रिहायशी कॉलोनी अलमारी की फैक्ट्री इंडस्ट्रियल एरिया में चल रही थी, लेकिन फैक्ट्री के ठीक पीछे एक विकसित कॉलोनी है, जिसमें हजारों लोग रहते है। फैक्ट्री में लगी आग एलपीजी सिलिंडर तक पहुंच जाती तो कॉलोनी में रहने वाले भी हादसे के शिकार हो सकते थे। एफएसओ गोमती नगर का कहना है कि घटना के बाद न तो फैक्ट्री मालिक वहां पहुंचा और न ही कोई अन्य व्यक्ति। फैक्ट्री के संदर्भ में जांच की जा रही है। लापरवाही होने पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


एनओसी के मानक
- 3 साल के लिए दी जाती है कामर्शियल बिल्डिंग को एनओसी
- 5 साल के लिए दी जाती है रेजीडेंशियल बिल्डिंग को एनओसी

नहीं खत्म हो रहे हादसे
सीएफओ के अनुसार 1 जनवरी से 30 अक्टूबर तक 754 आग की घटनाएं हुई हैं। वहीं 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2020 में लॉकडाउन के चलते हादसे कम हुए, लेकिन 1 से 31 दिसंबर 2019 तक राजधानी में 1024 आग लगने की घटनाएं हुई हैं। वहीं 1 जनवरी 2018 से अब तक आग लगने के 1031 मामले सामने आए हैं।

हादसों पर एक नजर
- हजरतगंज में पंजाब नेशनल बैंक में आग लगने से पीछे रहने वाले कई परिवार फंस गए।
- चिनहट के देवा रोड स्थित धावा गांव में केटी ऑक्सीजन प्लांट में रिफलिंग के दौरान अचानक तेज धमाके से सिलेंडर फट गया। हादसे में प्लांट में काम कर रहे दो कर्मचारियों और एक अन्य की दर्दनाक मौत हो गई जबकि पांच कर्मचारी गंभीर रुप से घायल हो गए।
- कपूरथला में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से 70 स्टूडेंट फंस गए। बगल की छत से इन्हें किसी तरह निकाला गया।
- नवल किशोर रोड में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से कई स्टूडेंट्स फंस गए, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद निकाला जा सका।
- ट्रांसपोर्ट नगर में एक गोदाम में आग लगने से दो बच्चों की मौत हो गई। छत काटकर आग पर काबू पाया गया।
- ऐशबाग में प्लाई फैक्ट्री में आग लगने से तीन कर्मचारी झुलस गए।


अलमारी फैक्ट्री में लगी आग की सूचना पर एफएसओ गोमती नगर व फायर ब्रिगेड की पांच गाडिय़ां मौके पर पहुंची थी। आग पर काबू पाकर आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। मौके पर फायर एनओसी नहीं मिली। फैक्ट्री मालिक के खिलाफ नोटिस जारी की जा रही हैै।

विजय कुमार सिंह, चीफ फायर अफसर