- विधायकों से बोली मायावती यहां सबका सम्मान बराबर से होगा

- किसी व्यक्ति की सजा उसके समाज को नहीं दी जाएगी-मायावती

- गया चरण दिनकर को चुना गया नेता विरोधी दल

LUCKNOW: स्वामी प्रसाद मौर्या के पार्टी से अलग होने के बाद बहुजन समाज पार्टी बैकफुट पर नजर आ रही हैं। शनिवार को बसपा सप्रीमो मायावती ने अपने नेताओं की मीटिंग बुलायी और यह बताने की कोशिश की कि मौर्या के पार्टी से बाहर जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य पर फिर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उन्हें गद्दार और स्वार्थी तक कह डाला। कहा कि मौर्या के जाने से पार्टी को फायदा हुआ है, नुकसान नहीं। उन्होंने हरदोई के निष्कासित विधायक ब्रजेश वर्मा की पार्टी में वापसी के साथ संकेत दिए कि पार्टी से निष्कासित नेताओं को माफी मांगने पर वापस भी लिया जा सकता है।

व्यक्ति की गलती की सजा समाज को नहीं

मायावती ने सिद्धांतों की दुहाई देते हुए कहा कि बीएसपी किसी एक व्यक्ति की गलती की सजा पूरे समाज को नहीं देती। पिछड़े वर्ग के वोटरों को संदेश दिया कि मौर्या की गलती की सजा उसके पूरे समाज को नहीं दी जायेगी। कहा कि बीएसपी के अस्तित्व में आने के बाद कुछ स्वार्थी लोग पार्टी छोड़कर चले गये, लेकिन उनमें से कोई भी कभी पनप नहीं पाया है। कुछ ने पछतावा किया और वह वापस पार्टी में आ गये और कुछ तो अभी भी वापस आना चाहते हैं। मौर्या की गलती ऐसी नहीं है जिसे माफ किया जा सके। उनके लिए बीएसपी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गये हैं।

जरूरत से ज्यादा दिया

मायावती ने कहा कि मौर्य के अलग होने से विधायकों में भी तीखी प्रतिक्त्रिया है। कई विधायकों को कहना है कि बीएसपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को हमेशा ही उनकी हैसियत से ज्यादा दिया। वे पार्टी व बीएसपी की सरकारों में भी हमेशा ही ऊंचे पदों पर रहे, जिसके लिये उन्हें पार्टी नेतृत्व का शुक्रिया अदा करना चाहिये था, लेकिन इसके बदले में उन्होंने विश्वासघात किया। मायावती ने कहा कि विधायकों की शिकायत थी कि सदन में मौर्या सपा सरकार के प्रति नरम रहते थे। नेता प्रतिपक्ष के हैसियत से वे अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रहे थे।

दिनकर बनेंगे नेता विरोधी दल

मौर्या के बागी होने के बाद बसपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता गया चरण दिनकर को विधानसभा में नेता विरोधी दल बनाने का फैसला लिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बाबत विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को पत्र भी भेज दिया है। मालूम हो कि दिनकर बांदा के नरैनी से विधायक हैं। शनिवार को पार्टी की मीटिंग के दौरान उनके नाम का प्रस्ताव जगपाल ने किया। प्रस्ताव का अनुमोदन जीतेन्द्र कुमार उर्फ नन्दू चौधरी ने किया और सर्वसम्मति से उन्हें विधानमंडल दल का नेता चुन लिया गया। नेता विरोधी दल का चयन करने का निर्णय अब विधानसभा अध्यक्ष को करना है। माना जा रहा है कि वे इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्या का पक्ष भी सुन सकते हैं।