लखनऊ (ब्यूरो) । वेस्ट कलेक्शन एवं परिवहन के अंतर्गत नगर निगम की ओर से डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था में सुधार किया गया साथ ही ओपन डंपिंग प्वाइंट्स से शिवरी प्लांट तक वेस्ट ले जाने के लिए प्रॉपर सिस्टम बनाया गया। समुचित रूप से वेस्ट परिवहन हेतु ईकोग्रीन की लगभग 500 से अधिक वाहन इस कार्य में लगाये गये। वर्तमान में शहर में कुल 84 पीसीटीएस स्थापित किये जा चुके हैं, जिससे क्षेत्रों में गंदगी कम दिखने लगी। इसके साथ ही स्वच्छता के उद्देश्य से सभी प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्रों में 1800 थ्री।बिन लगवाये गये, जिनको समय से खाली भी कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्मार्ट सिटी बनाये जाने के लिए 18 स्मार्ट अंडरग्राउंड बिन्स लगाने का कार्य प्रगति पर है।

10 हजार प्वाइंट्स वेस्ट से मुक्त हुए
6 माह में की गई कवायद
120 ओपन डंपिंग प्वाइंट्स भी समाप्त
9 मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीनें चल रहीं

गार्बेज फ्री सिटी
राजधानी लखनऊ को पहले ही ओडीएफ सर्टिफिकेट मिल चुका है। वर्तमान में शौच इत्यादि की स्वच्छता बनाये रखने के पूर्ण प्रयास किए गए हैं, जिसमें सामुदायिक-सार्वजनिक शौचालयों का स्वच्छतापूर्वक रखरखाव व आवश्यकतानुसार निर्माण भी निरन्तर कराया जा रहा है।

390 सामुदायिक-सार्वजनिक शौचालय बनाए गए
96 एसी डीलक्स शौचालय बने
510 यूरिनल प्वाइंट भी बने
74 पिंक शौचालय भी बने

इस पर भी हुआ काम
गंदे पानी का समुचित ट्रीटमेंट सुनिश्चित किया गया है। ट्रीटमेंट पश्चात 85 प्रतिशत प्राप्त पानी को दोबारा उपयोग में लाया जाता है, जिससें डिवाइडर पर पौधों की सिंचाई इत्यादि लिए इस्तेमाल किया जाता है। सीवेज स्लज के ट्रीटमेंट के लिए भरवारा में 345 एमएलडी, दौलतगंज में 54 और वृंदावन योजना में 32 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट पूरी क्षमता के साथ संचालित किए गए हैं।

स्वच्छता परीक्षा में सिटीजन फीडबैक को लेकर भी स्कोरिंग

इस बार राजधानी की जनता ने खासा फीडबैक में सहयोग किया। जानकारी के अनुसार, पांच लाख फीडबैक मिलने के कारण ही इस बिंदु पर निगम को शत प्रतिशत अंक मिले हैैं। निगम प्रशासन की ओर से सर्वेक्षण से जनता को जोडऩे के लिए कई कार्यक्रम कराए गए साथ ही लोगों द्वारा अपना फीडबैक भारत सरकार की वेबसाइट पर दर्ज कराने एवं भारत सरकार द्वारा जारी स्वच्छता ऐप को डाउनलोड कर उस पर गंदगी संबंधी शिकायतें अपलोड करने, शिकायतों का निस्तारण एवं फीडबैक संबंधी व्यवस्था भी की गई।

यह भी प्रयास रंग लाया
जनता को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से स्कूली बच्चों के मध्य निबंध, वाद।विवाद, चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं तथा नुक्कड़ नाटक भी आयोजित कराये गये। प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा देने के लिए थैला बैंक की शुरुआत की गयी, जो प्रत्येक जोन में स्थापित है। इसके अतिरिक्त बर्तन बैंक सभी कल्याण मंडपों में शुरू कराया गया। मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत महिलाओं को 500 पीपीई किट भी वितरित की गईं।