-सड़क सुरक्षा के नाम पर हर साल खर्च होती है करोड़ों की रकम

-हर साल 25 हजार से ज्यादा लोगों की जाती है जान

-सीएम योगी खुद हादसों पर जता चुके हैं चिंता

LUCKNOW : प्रदेश में सड़क सुरक्षा के नाम पर करोड़ों की रकम हर साल खर्च की जाती है। लेकिन, बावजूद इसके सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आलम यह है कि समय के साथ ही हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। इन हादसों में घायल होने वाले लोगों की संख्या भी बेहद ज्यादा है। कुछ जानकारों का मानना है कि प्रदेश में सड़कों का जाल बेहद तेजी से बढ़ा है, उसी अनुपात में वाहनों की रफ्तार में भी इजाफा हो रहा है। जिसका नतीजा है कि हादसे बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, इतनी भारी संख्या में होने वाली मौतों पर सीएम योगी ने गहरी चिंता जताई और इसी साल हादसों की संख्या को 10 प्रतिशत तक कम करने के लिये तमाम विभागों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। लेकिन, विभागों की कार्यवाही सिर्फ कागजी ही साबित हो रही है और हादसे रुकने के कोई आसार दिखायी नहीं दे रहे।

मौतों के मामले में देश में नंबर 1

देश में सड़क हादसों में मरने वालों की तादाद चौंकाने वाली है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि हर साल करीब 1.50 लाख लोग सड़क हादसों की वजह से अपनी जान गवां रहे हैं। हालांकि, इसका एक दुखद पहलू यह भी है कि इनमें सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। अगर प्रदेश में सालाना होने वाली मौतों की बात करें तो पता चलता है कि यह आंकड़ा 25 हजार को पार कर जाता है। यानी हर रोज सर्वाधिक 71 लोग यूपी में सड़क हादसों में अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। वहीं, घायलों की तादाद तो इससे भी कहीं ज्यादा है। प्रदेश में आगरा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे बनने के बाद हादसों का यह आंकड़ा और भी बढ़ता जा रहा है, जो कि चिंता की बात है।

हर साल बढ़ रहे हादसे

ट्रैफिक निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते तीन साल में वर्ष 2019 में सड़क हादसों की संख्या में तो कमी नहीं आई लेकिन, इसमें होने वाली मौतों के मामलों में कमी आयी है। हालांकि, घायलों की संख्या में इस साल इजाफा ही हुआ। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2018 में प्रदेश में कुल 42 हजार 568 सड़क हादसे हुए। जिसमें 29 हजार 664 लोगों की मौत हुई, जबकि, 22 हजार 256 लोग घायल हो गए। इसी तरह वर्ष 2019 में प्रदेश में कुल 42 हजार 572 सड़क हादसे हुए जिनमें 22 हजार 622 लोगों की मौत हो गयी। इन हादसों में 28 हजार 392 लोग घायल हुए। हालांकि, वर्ष 2020 के शुरुआती सात महीनों में सड़क हादसों का आंकड़ा औसतन पिछले सालों की तुलना में बढ़ गया। इस वर्ष इन शुरुआती सात महीनों में 31 हजार 240 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 16 हजार 372 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 21 हजार 425 लोग घायल हो चुके हैं।

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सीएम जताते रहे हैं चिंता

सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभालने के बाद सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने तमाम विभागों के साथ सभी जिलों के डीएम व पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जिलों में सड़क हादसों में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी लाने के भरपूर प्रयास करें। उनके इस निर्देश पर तमाम जिलों में ब्लैक स्पॉट्स तलाशकर उन्हें सुधारने की कवायद शुरू की गयी लेकिन, बावजूद इसके अब भी सड़क हादसों का होना जारी है।

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फैक्ट फाइल

वर्ष हादसे मौत घायल

2018 42,568 29,664 22,256

2019 42,572 22,622 28,392

2020 31,240 16,372 21,425

31 जुलाई तक