- स्माल इंडस्ट्री एंड मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन का पदाधिकारी था व्यापारी

- पत्नी ने दर्ज कराई थी पीजीआई थाने में गुमशुदगी

- हत्या और आत्महत्या में उलझी पुलिस, मौके पर व्यापारी की कार मिली

LUCKNOW : सरोजनीनगर से लापता एक फैक्ट्री मालिक का शव रविवार को संदिग्ध हालात में जंगल में पेड़ से लटका मिला। रविवार सुबह जानकारी होने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डॉग स्क्वॉयड और फॉरेंसिक टीम ने जांच की। आशंका जताई जा रही है कि व्यापारी की हत्या के बाद शव को पेड़ से लटका दिया गया। वहीं मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की सही वजह पता चल सकेगी।

नमकीन फैक्ट्री का ओनर था व्यापारी

मूलरूप से सोनभद्र के ओबरा निवासी अविनाश सिंह (38) पत्नी निधि कटियार, 5 माह के बेटे और मां बाप के साथ पीजीआई स्थित वृंदावन योजना सेक्टर 4 में रहते थे। वह सरोजनीनगर के अमौसी औद्योगिक क्षेत्र में नेक्स्ट जेन फूड प्रोडक्ट के नाम से नमकीन की फैक्ट्री चलाते थे। फैक्ट्री में अविनाश के साथ सरोजनीनगर के कृष्णा लोक कॉलोनी निवासी संस्कार और राजस्थान के कोटा निवासी विकास पार्टनर हैं। कंपनी को वर्ष 2007 से तीनों लोग पार्टनरशिप में चला रहे हैं।

फोन करके कहां मैं घर आ रहा हूं

अविनाश की पत्नी निधि कटियार के मुताबिक अविनाश रोज की तरह कार से शनिवार को सुबह करीब 8 बजे घर से फैक्ट्री गए थे। शाम करीब 6.15 बजे अविनाश ने फोन कर निधि को फैक्ट्री से निकलकर घर आने की बात कही, लेकिन 8 बजे तक घर नहीं पहुंचे। निधि का कहना है कि वह अधिकतर शाम 8 बजे तक घर पहुंच जाते थे, लेकिन जब शनिवार शाम समय से घर नहीं पहुंचे तो निधि ने अविनाश को फोन किया। फोन करने पर अविनाश के दोनों मोबाइल स्विच ऑफ मिले। कई बार फोन करने के बावजूद जब संपर्क नहीं हो सका तो निधि को अनहोनी की आशंका हुई और उसने अपने सगे संबंधियों को जानकारी देकर खोजबीन शुरू कर दी। मगर रात तक अविनाश का कोई पता नहीं चल सका।

कर्मचारी ने की मालिक की पहचान

रात में ही निधि ने पीजीआई थाने पहुंचकर अविनाश के लापता होने की तहरीर दी। रविवार सुबह फैक्ट्री के मजदूर घर से ड्यूटी जा रहे थे। तभी सरोजनीनगर में दरोगा खेड़ा स्थित पिनवट नहर के पास जंगल में शीशम के पेड़ से मफलर के सहारे एक युवक का शव लटकता दिखाई पड़ा। पेड़ पर युवक का शव लटका देख तमाम राहगीरों की भीड़ इकट्ठा हो गई। इसी दौरान मजदूरों ने पेड़ से मृत लटके युवक की पहचान अपने फैक्ट्री मालिक अविनाश सिंह के रूप में की।

हालात हत्या की गवाही दे रहे

घटनास्थल से करीब 50 मीटर दूर मृतक अविनाश की कार खड़ी थी। कार के अंदर उसके दोनों मोबाइल के अलावा दो प्लास्टिक के गिलास और पानी की 1 बोतल रखी थी। बाद में घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने काफी देर तक मौके पर जांच की। जांच के दौरान मृतक की पीठ पर एक जगह चोट के निशान होने के साथ उसके दोनों हाथों में मिट्टी लगी मिली जबकि उसके एक पैर का आधा जूता पैर से नीचे लटक रहा था। घटनास्थल का नजारा देखकर पुलिस के होश उड़ गए और उसने अपने अधिकारियों को मामले से अवगत कराया।

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

सूचना पर एडीसीपी पूर्वी सैयद मोहम्मद कासिम और एसीपी कृष्णा नगर हरीश भदौरिया के अलावा पीजीआई पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं डॉग स्क्वॉयड और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को भी मौके पर बुलाया गया। जांच में स्नेफर डॉग घटनास्थल से करीब 200 मीटर दूर तक जाने के बाद वापस लौट आया। वहीं फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट विशेषज्ञों ने अविनाश की कार के अलावा उसके शव और घटनास्थल के कुछ नमूने लिये हैं। जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

मौत की सूचना मिलते ही दर्ज की गुमशुदगी

अविनाश के लापता होने की तहरीर निधि ने शनिवार रात को ही पीजीआई थाने में दे दी थी, लेकिन उस दौरान पुलिस ने उसकी गुमशुदगी नहीं दर्ज की। बल्कि उसे खुद खोज बीन करने की सलाह देकर वापस कर दिया। रविवार सुबह जैसे ही पीजीआई पुलिस को पता चला कि अविनाश का शव सरोजनीनगर में पेड़ से लटका मिला है। वैसे ही पीजीआई पुलिस ने आनन फानन में उसकी गुमशुदगी दर्ज कर ली।

एसोसिएशन का था पदाधिकारी

मृतक अविनाश सरोजनीनगर औद्योगिक क्षेत्र स्थित फैक्ट्री मालिक के संगठन में सक्रिय सदस्य था। वह स्माल इंडस्ट्री एंड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन का पदाधिकारी था। ऐसे में मामले की जानकारी होने पर कई फैक्ट्री मालिक भी घटनास्थल पर पहुंच गए। मौके पर मौजूद कई फैक्ट्री मालिकों ने बताया कि अविनाश काफी मिलनसार व्यक्ति थे। उसने कई लोगों को नमकीन बनाने की ट्रेनिंग भी दी थी। फैक्ट्री मालिकों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री एरिया में एसआईएल पुलिस चौकी होने के बावजूद चौकी पर कोई भी पुलिसकर्मी नहीं मौजूद रहता है, जिसकी वजह से आए दिन फैक्ट्रियों में चोरी जैसी घटनाएं होती रहती हैं।