लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में साइबर ठगों ने सिपाही संग चार लोगों के खाते से 2.41 लाख रुपए पार कर दिए। पीडि़तों ने इसकी शिकायत कृष्णानगर और महानगर थाने में दर्ज कराई है। फिनिक्स मॉल में फायर सेफ्टी अफसर के पद पर तैनात मंसूर खान का एसबीआई बैंक में खाता है। कुछ दिन पहले क्रेडिट कार्ड के पीछे लिखे हेल्पलाइन नंबर से उनके पास कॉल आई और उनसे खाते के बारे में जानकारी हासिल की गई। इसके बाद उनके खाते से 19,190 रुपये निकल गए। उन्होंने इसकी रिपोर्ट कृष्णानगर कोतवाली मे दर्ज कराई है।

एप डाउनलोड और खाता खाली

कृष्णा नगर निवासी अभिजीत कुमार प्रजापति का पीएनबी में खाता है। उनके पास एक फोन आया और फोन करने वाले ने कहा कि वह विकास भवन से बोल रहा है। उसने उन्हें बातों में फंसाकर एक एप डाउनलोड कराया और फिर मोबाइल का कैमरा खोलकर कार्ड व पास बुक दिखाने को कहा। ऐसा करते ही उसके खाते से 53,128 रुपए कट गए।

सिपाही के खाते से उड़ाए रुपए

महानगर रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात सिपाही मनीष कुमार के खाते से ठगों ने 73,987 रुपए निकाल लिए। उनके मुताबिक ठग ने उनके कार्ड का क्लोन कर ठगी की है, क्योंकि उन्होंने किसी को अपने खाते की जानकारी नहीं दी है। वहीं निशातगंज निवासी नेहा सिंह सेंगर के मुताबिक 23 मार्च को उन्होंने ऑनलाइन कुछ रजाई, साड़ी व अन्य सामान का आर्डर किया। कुछ देर बाद उनके पास एक नंबर से फोन आया और फोन करने वाले ने बातों में उलझाकर कार्ड की जानकारी ले ली। इसके बाद उनके खाते से 95 हजार निकल गए।

विवाहिता सहित दो ने दी जान

पति से झगड़े के बाद 22 वर्षीय अंजू चौहान ने फांसी लगा ली। जानकीपुरम स्थित घर में फंदे पर उनका शव लटकता मिला। इंस्पेक्टर ने बताया कि अंजू के पति का नाम विश्वनाथ है। अंजू पति के साथ एक माह से किराये पर जानकीपुरम में रह रही थीं। वहीं, जानकीपुरम स्थित स्मृति अपार्टमेंट में रहने वाले 28 वर्षीय भरत कुमार ने फांसी लगा ली। भरत कुमार आंध्रप्रदेश के रहने वाले थे। शुक्रवार दोपहर उनका फ्लैट के अंदर फंदे पर शव लटका मिला।

दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की कैद

शादी के इरादे से एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने मामले में पाक्सो की विशेष अदालत ने अभियुक्त विजय यादव को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष जज अरविंद मिश्र ने इस पर 35 हजार का जुर्माना भी लगाया है। यह भी आदेश दिया है कि इस धनराशि को पीडि़ता के बालिग होने तक फिक्स्ड डिपाजिट के रूप में उसके पिता द्वारा रखी जाएगी। लोक अभियोजक अभिषेक उपाध्याय व सुखेंद्र प्रताप ङ्क्षसह के मुताबिक 28 नवंबर, 2014 को इस मामले की एफआईआर पीडि़ता के पिता ने थाना पीजीआई में दर्ज कराई थी।