बिजली खरीद की नियामक आयोग करेगा मॉनीटरिंग

- विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन की कसी नकेल

- पावर कॉरपोरेशन को बिजली खरीद का पूरा प्लान आयोग को सौंपना जरूरी

- उपभोक्ताओं को मिलेगा सीधे फायदा

LUCKNOW: सस्ती बिजली उपलब्ध होने पर भी महंगी बिजली खरीदने की मनमानी अब नहीं चलेगी। उ.प्र। विद्युत नियामक आयोग ने यूपी पावर कॉरपोरेशन पर नकेल कसते हुए अब खुद बिजली खरीद की मॉनीटरिंग करने का निर्णय लिया है। इसके बाद अब कॉरपोरेशन को बिजली खरीद के पूरे प्लान को आयोग को सौंपना जरूरी होगा। नियामक आयोग के सदस्य आईबी पांडेय और एसके अग्रवाल ने शुक्रवार को बिजली खरीद पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिए।

तब मिलेगी सस्ती बिजली

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि आयोग द्वारा सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले में हर महीने पावर कॉरपोरेशन की बिजली खरीद पर मॉनीटरिंग होगी, जिससे आने वाले समय में महंगी बिजली खरीद पर अंकुश लगेगा। इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। वर्तमान में प्रदेश में पूरे साल में लगभग 49,848 करोड़ की बिजली खरीदी जानी है। जबकि पावर एक्सचेंज और अन्य श्रोतों से साल भर में बिजली दर प्रस्ताव में महज 115 करोड़ की बिजली खरीद प्रस्तावित है, जो बहुत ही कम है।

मिल सकती है बड़ी राहत

वहीं बजाज हिन्दुस्तान से लगभग 1913 करोड़ रुपए, ललितपुर से 4882 करोड़ व रोजा पावर लगभग 4200 करोड़ की बिजली सालभर में खरीद की जानी है। ऐसे में बजाज रिलायंस सहित अन्य स्त्रोतों से महंगी बिजली खरीद पर अंकुश लगाकर भविष्य में प्रदेश की जनता को बड़ी राहत दी जा सकती है।

हर उपाय किये जाने चाहिए

उ.प्र। राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की मांग पर आयोग ने कहा है कि कई राज्यों में सस्ती बिजली पावर एक्सचेंज से खरीदी जा रही है। उप्र में भी महंगी बिजली खरीद को रोकने के लिये सस्ती बिजली खरीदने के हर उपाय किये जाने चाहिए, जिससे उपभोक्तओं का राहत मिले और औसत बिजली खरीद दर में कमी आये।

एमडी के खिलाफ कार्यवाही नहीं

हालांकि आयोग ने पावर कॉरपोरेशन के एमडी द्वारा माफी मांगने के क्रम में जवाब न देने पर अधिनियम 2003 की धारा-142 के तहत पूर्व की गई कार्यवाही को समाप्त कर दिया। बता दें कि गत 5 मई को इस सूओ.मोटो याचिका की सुनवाई में नियामक आयोग अध्यक्ष देश दीपक वर्मा शामिल नहीं हुए थे और उन्होंने पावर कॉरपोरेशन के निदेशकों के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही की बात कही थी।

नहीं दी सही रिपोर्ट

उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाये गये सवाल को भी आयोग द्वारा जारी आदेश में समाहित किया गया है जिसमें उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपोरेशन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि आयोग को पावर कॉरपोरेशन द्वारा सौंपा गया जवाब सही नहीं है। यह मुद्दा अप्रैल 2015 पावर एक्सचेंज पर सस्ती बिजली उपलब्ध रहते हुए भी अन्य स्त्रोतों से महंगी बिजली खरीदने से संबंधित है। उससे संबंधित विस्तृत रिपोर्ट पावर कारपोरेशन को सौंपना चाहिए, जो नही सौपा गया है। इसलिए जवाब संतोषजनक नहीं है।