- पीजीआई में रोज 4 से 5 वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों की हो रही मौत

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख:

कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है और वेंटीलेटर पर जाने वाले मरीजों की मौत का आकड़ा भी अधिक है। डॉक्टर्स का कहना है कि उन मरीजों में अधिक इंफेक्शन देखने को मिल रहा है जो दूसरे अस्पतालों से रेफर होकर आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना मरीजों का इलाज बेहद सावधानी से करने की जरूरत है।

इम्युनिटी कमजोर हो रही

पीजीआई के राजधानी कोविड अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज और पल्मोलॉजिस्ट डॉ। जिया हाशिम ने बताया कि इस बार वेंटिलेटर पर अधिक मौत हो रही हैं। इसका कारण दूसरे अस्पताल से मरीजों का रेफर होकर आना है। मरीजों को स्टेरायड की डोज ज्यादा देना भी एक कारण है। वजह यह है कि कोरोना के इलाज में दी जाने वाली दवाएं मरीज की इम्युनिटी कमजोर करती हैं। मरीज को दवा की कितनी डोज दी जानी है, यह अनुभव से ही आता है।

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इन कारणों से भी मौतें

डॉ। जिया हाशिम ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस की संक्रामकता अधिक है और अस्पताल इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे। जिसका असर भी मौतों के रूप में देखने को मिल रहा है। पहले जहां एक-दो मरीजों को ही रोज वेंटिलेटर पर भर्ती किया जाता था, वहीं अब रोज 15 से 18 मरीज वेंटिलेटर पर आ रहे हैं। आरसीएच में पहले दो आईसीयू थे। वहीं अब पांच आईसीयू वार्ड चल रहे हैं। इसके अलावा जो टीम ऑक्सीजन बेड चलाती थीं, उन बेडों को आईसीयू में बदलकर चलाया जा रहा है। ऐसे में वो क्या ट्रीटमेंट करेंगे यह देखने वाली बात है, क्योंकि वेंटिलेटर चलाने के लिए एक्सपर्ट होते हैं।