LUCKNOW NEWS लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में सड़क हादसे लगातार बढ़ते जा रहे हंै। ऐसे अधिकतर मामलों में ड्राइवरों की गलती ही सामने आती है। इसमें पांच तरह की लापरवाहियां सामने आई हैं। जिसमें सवारी से बात करना, ईयर फोन लगाकर बात या गाना सुनना, मोबाइल पर बात करना आदि प्रमुख कारण है। इसे देखते हुए रोज करीब 100 ड्राइवरों को सुरक्षित ड्राइविंग किस तरह करनी है, इसकी जानकारी दी जा रही है। जिससे राजधानी में होने वाले सड़क हादसों पर विराम लगाया जा सके।

रोज सौ ड्राइवरों को दे रहे ट्रेनिंग
परिवहन विभाग की ओर से रोड सेफ्टी को लेकर स्वाभिमान एक भारत कल की ओर थीम पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत वाहन फिटनेस के लिए आ रहे ड्राइवरों की समस्या को समझने और उसे दूर करने का काम किया जा रहा है। जिससे सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा दिया जा सके। इसी क्रम में ट्रांसपोर्ट नगर में वाहनों के फिटनेस सेंटर पर पहुंचने वाले वाहन ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें, रोजाना करीब 100 ड्राइवरों को सुरक्षित ड्राइविंग के प्रति ट्रेनिंग दी जा रही है।

सबको दी जा रही ट्रेनिंग
ड्राइवरों को ट्रेनिंग दे रहे शिवम तिवारी के मुताबिक सड़क पर गाड़ी चलाने वाले कई अनपढ़ ड्राइवर भी होते हैं। ऐसे में खासतौर पर उनको प्रोजेक्टर के जरिए ड्राइविंग की एबीसीडी सिखाई जा रही है। इनमें वाहन चलाने वाले ड्राइवरों को विभिन्न प्रकार के सड़क हादसों से बचने के लिए सड़क की भाषा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इनमें सड़क पर लगे संकेत, दिशा सूचना बोर्ड, सावधानी के सड़क संदेश, ट्रैफिक नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वो सभी नियमों को आसानी से समझ सकें।

हादसों के प्रमुख पांच कारण
- गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना
- कान में इयरफोन लगाकर बात करना ध्यान बंटना
- शराब पीकर तेज और अनियंत्रित वाहन चलाना
- चार पहिया में पीछे बैठे सहयात्री से बात करना
- लगातार वाहन चलाने से थकान होना

आम तौर पर पांच कारणों से सड़क हादसे होने की बात सामने आई है। इसे देखते हुए ड्राइवरों को सुरक्षित सफर के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।
- प्रशांत कुमार, यातायात पथ निरीक्षक, आरटीओ कार्यालय