- शीतला अष्टमी पर मां शीतला देवी मंदिर में इस बार भक्तों ने किए बाहर से दर्शन

LUCKNOW:

सोमवार को शीतला अष्टमी पर मेहंदीगंज टिकैतराय तालाब स्थित मां शीतला देवी मंदिर में भक्तों ने पूरी तरह कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मां शीतला देवी के दर्शन किए। भक्तों ने इस दौरान मां को बताशा व हलुआ-पूड़ी, गुलगुला, पुआ, गुझिया, नारियल, ऐठी-ग्वैठी (बसौढ़ा) का भोग लगाया गया। मंदिर में मां के दर्शन के लिए देर रात से ही दूर-दूर से मां के दर्शन के लिए भक्त आने लगे थे। इस अवसर पर सुहागिनों ने पति की दीघ्र्रायु और बच्चों को चेचक मुक्त रखने के लिए विशेष पूजा-अर्चना भी की।

मां का पुष्पों से किया श्रंगार

मंदिर समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष सुनील सैनी व पुजारी श्याम मनोहर तिवारी ने बताया कि शीतलाष्टमी के दिन मां शीतला का पुष्पों से भव्य श्रंगार किया गया और मंदिर को रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया। मंदिर के कपाट देर रात एक बजे ही भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। इस बार कोविड गाइड लाइन के अनुसार लोगों ने बाहर से ही दर्शन किए। किसी को दर्शन करने के लिए मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया। सुबह चार बजे महाआरती के समय मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे और महाआरती के बाद कपाट पुन: खोल दिए गए।

नहीं लगा मेला

मंदिर समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष सुनील सैनी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार आठों का मेला भी नहीं लगाया गया। वहीं बाजारखाला इंस्पेक्टर धनंजय सिंह व उपनिरीक्षक संजीव चौधरी ने लोगों को कोरोना गाइडलाइन के प्रति जागरूक भी किया।

भुईयन देवी मंदिर में उमड़ी भीड़

वहीं दूसरी ओर राजधानी के भुईयन देवी मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की कतारें लग गई। यहां कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन नहीं किया गया। मंदिर परिसर में ही बड़ी संख्या में महिलाएं बिना मास्क लगाए दिखाई दीं। दोपहर के समय तो आलम यह था कि यहां मंदिर परिसर में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। हर साल शीतला अष्टमी पर मंदिर परिसर के बाहर झूले और खाने-पीने की दुकानें लगती थीं, जो इस बार नहीं लगाई गई।