लखनऊ (ब्यूरो)। एक मां के सामने अपना परिवार संभालने के साथ-साथ अपने बच्चों की अच्छी परवरिश की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। इस जद्दोजहद में कई बार वह अपने सपनों को दबा देती है। हालांकि, उनके मन में उन सपनों को पूरा करने की उम्मीद कहीं न कहीं जिंदा रहती है और वे उन्हें पूरा करने की कोशिशें भी करती रहती हैं ताकि अपना एक अलग मुकाम हासिल कर सकें। इस मदर्स डे पर हम आपको ऐसे ही कुछ मदर्स से मिलाते हैं, जिन्होंने न केवल अच्छे से अपने बच्चों की परवरिश की बल्कि अपने सपनों को भी साकार किया।

एक्टिंग करने का सपना किया पूरा

जब मैं स्कूल में थी तभी से थिएटर करना शुरू कर दिया था, लेकिन शादी के बाद इस पर ब्रेक लग गया। बच्चे हुए तो सोचा एक बार फिर अपने सपने को जिया जाए, लेकिन परिवार का सहयोग नहीं मिला, इसलिए पूरा समय बच्चों को दे दिया। जब बच्चे बड़े हुए तो करीब 18 साल बाद स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर काम शुरू किया, लेकिन मन मेरा एक्टिंग में ही लगता था। उसी दौरान एक डांस शो में एक सच्जन से मुलाकात हुई और उनसे अपने मन की बात बताई, जिसपर उन्होंने विनोद मिश्रा से मिलने को कहा। उनसे मुलाकात हुई और पहला शो 'कहानी एक गांव मेंÓ किया। उसके बाद पीछे नहीं देखा और कई बड़ी फिल्मों में अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना जैसे कलाकारों संग काम किया।

-अर्चना शुक्ला, सीनियर आर्टिस्ट

हाउसवाइफ से बनीं बिजनेसवूमेन

जब शादी हुई तो घर के कामों में लगी रही। उसके बाद बेटी हुई तो उसकी परवरिश में समय लगा दिया। वहीं, बेटी जब डेढ़ साल की हुई तो सोचा कि समय काटने के लिए खुद का कोई काम शुरू किया जाए और एक छोटा सा बुटीक शुरू कर दिया। धीरे-धीरे काम बढ़ने लगा और एक कंपनी का बड़ा शोरूम खोल दिया। इसमें मेरे पति अजीत शुक्ला का पूरा सहयोग मिला। वह पेशे से बैंकर हैं। उन्होंने मेरा कदम-कदम पर साथ दिया और मेरी मदद की। आज मुझे काम करते हुए 9 साल होने जा रहे हैं। इसके अलावा, कई बड़े-बड़े इवेंट्स में भी काम मिल रहा है।

-वर्तिका शुक्ला, बिजनेसवूमेन

दिव्यांग बच्चों के लिए काम शुरू किया

वैसे तो मैं हाउसवाइफ हूं। शादी होकर जब ससुराल आई तो देखा कि दिव्यांग बच्चों से लिए मेरे हसबैंड अमित मेहरोत्रा काम करते रहते थे। उसी समय मुझे भी ख्याल आया कि क्यों न मैं भी इनके लिए कुछ करूं, लेकिन बच्चे होने के कारण कुछ कर नहीं पाती थी इसलिए जब बच्चे बड़े हुए तो पति से दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने की बात बताई, जिसपर उन्होंने भी मेरा सपोर्ट किया और मैं दिव्यांग बच्चों के लिए काम करना शुरू किया। जहां उनकी मदद और देखभाल का काम शुरू किया। इसके बाद लगा कि महिलाओं के लिए भी कुछ करना चाहिए, जिसके बाद वूमेन स्किल्स पर काम शुरू किया। फिर 2 माह में करीब 27 हजार महिलाओं को फूड सेफ्टी की ट्रेनिंग देने का काम किया। साथ ही अन्य स्किल्स पर भी काम किया जा रहा है।

-पूजा मेहरोत्रा, सोशल वर्कर

कई स्टार्स करते हैं फॉलो

मेरा शुरू से ही खुद का कोई काम शुरू करने का सपना था, लेकिन शादी के बाद यह सब पीछे रह गया। वहीं, बच्चे हुए तो उनको समय देना शुरू कर दिया, लेकिन मन में हमेशा रहा कि कुछ करना है। जब बच्चे बड़े हुए तो पति से खुद का काम शुरू करने की बात की। उन्होंने पूछा कि क्या क्या काम करना है। 2017 में मैंने चिकनकारी का काम शुरू किया। एक छोटी सी शुरुआत आज पूरा बिजनेस बन चुका है। मेरे साथ करीब 300 महिलाएं और 25 से अधिक पुरुष काम कर रहे हैं। हम लोग ऑनलाइन काम कर रहे हैं। हमारे प्रोडक्ट्स अमेरिका, जर्मनी, गल्फ समेत अन्य देशों में जा रहे हैं। मुझे रितिक रौशन की बहन भी इंस्टा पर फॉलो करती हैं।

-श्वेता अग्रवाल, बिजनेसवूमेन