-15 साल की मुमताज ने हॉकी इंडिया की अकादमी में बनाई जगह

- यूपी से अकेले हुआ सेलेक्शन, टोक्यो ओलंपिक के लिए तराशे जाने हैं खिलाड़ी

उपलब्धि

- दो बार सब जूनियर नेशनल खेलीं

- बेस्ट महिला प्लेयर का खिताब

LUCKNOW: कहते हैं कि आप मेहनत और लगन से अनवरत प्रयास करते हैं तो कोई भी मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है राजधानी में सब्जी का ठेला लगाने वाले मोहम्मद हाफिज की बेटी मुमताज ने। महज 15 साल की उम्र में ही उसने अपने दमदार प्रदर्शन के जरिये दिल्ली की हॉकी इंडिया की अकादमी में जगह बनाई। इस अकादमी में देशभर के चुनिंदा खिलाडि़यों को ही जगह दी गई है, जहां अभी से टोक्यो ओलंपिक के लिए खिलाड़ी तराशे जायेंगे।

बाबू स्टेडियम में सीखी बारीकियां

राजधानी के कैंट इलाके में रहने वाली मुमताज ने अपने कॅरयिर की शुरुआत आरए बाजार माध्यमिक विद्यालय तोपखाना कैंट से की। वहां पर वह हॉकी के साथ एथलेटिक्स के इवेंट में भी हिस्सा लेती रही। यहां पर कोच कोच अभिषेक सिंह ने उसे हॉकी के गुर खिखाए। दो साल पहले जब हॉकी हॉस्टल के लिए ट्रायल शुरू हुए तो उसने बाबू स्टेडियम के ग‌र्ल्स हॉकी हॉस्टल में जगह बना ली। यहां कोच नीलम से हॉकी की बारीकियां सीखी।

सब्जी का ठेला लगाते हैं पिता

मुमताज के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसके पिता मो। हफीज कैंट से कुछ दूरी पर ही एक सब्जी का ठेला लगाते हैं। इस पर वह और उनकी पत्नी कैसर जहां बैठती हैं। मुमताज की पांच बहनें और एक छोटा भाई है। खेल से उसके घर में किसी का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन अपनी स्कूलिंग के दौरान जब उसने हॉकी खेलना शुरू किया तो पीछे मुड़कर नहीं देखा।

प्रदेश से एक मात्र प्लेयर

हॉकी दिग्गजों की मानें तो पिछले साल सब जूनियर नेशनल के मुकाबले के दौरान देश भर से 60 खिलाडि़यों का चयन किया गया था। हॉकी की नेशनल अकादमी के लिए इन इन खिलाडि़यों में 16 खिलाडि़यों को चुना जाना था। 16 खिलाडि़यों में पहुंचने वाली मुमताज प्रदेश की एकलौती खिलाड़ी है जिसने यह मुकाम हासिल किया। इस समय वह दिल्ली में हॉकी ट्रेनिंग ले रहीे हैं।

हॉकी इंडिया की देखरेख में इसी साल अकादमी शुरू की जानी है। इसकी तैयारियां चल रही हैं। इसके लिए देश भर में ट्रायल लिए जा चुके हैं।

डॉ। आरपी सिंह, सचिव, हॉकी यूपी