लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में वैसे तो कई रूटों पर जाम की समस्या है, पर जैसे ही बात मुंशीपुलिया से चारबाग तक के रूट की आती है, तो करीब 50 प्रतिशत लोग मानते हैैं कि इस रूट पर सफर करना किसी चुनौती से कम नहीं है। लोगों का मानना है कि मुंशीपुलिया से हजरतगंज तक पहुंचने में एक घंटे से भी अधिक का समय लग जाता है और इस रूट पर जाम की समस्या गहराती जा रही है।

डीजे आईनेक्स्ट ने कराया ट्विटर पोल

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से एक तरफ जहां तीन प्रमुख रूट्स को लेकर 'बड़ी कठिन डगर है' नाम से अभियान चलाया गया, वहीं ट्विटर पर पोल भी कराया गया, ताकि यह बात सामने आ सके कि अभियान में शामिल किए गए तीन रूटों मुंशीपुलिया से चारबाग, अमौसी से हजरतगंज और दुबग्गा से हजरतगंज में से किस रूट पर लोगों को जाम रूपी चुनौती का ज्यादा सामना करना पड़ता है।

यह पूछा गया था सवाल

लखनऊ में सुबह के समय जब आप घर से अपने ऑफिस के लिए निकलते हैैं और शाम को जब घर लौटते हैैं तो ट्रैफिक के लिहाज से सबसे अधिक कठिन डगर आपको कौन सी लगती है।

ये थे ऑप्शंस

1-मुंशीपुलिया से चारबाग

2-अमौसी से हजरतगंज

3-दुबग्गा से हजरतगंज

50 प्रतिशत लोग ऑप्शन 1 के साथ

सर्वे में करीब 50 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि मुंशीपुलिया से चारबाग तक का रूट सबसे कठिन डगर है। आलम यह है कि इस रूट पर मेट्रो होने के बावजूद जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। गुजरते वक्त के साथ यहां ट्रैफिक लोड बढ़ता जा रहा है, लेकिन अभी तक जाम की समस्या से निजात के लिए कोई व्यापक इंतजाम नहीं किए गए हैैं, जिसकी वजह से हजारों लोगों को रोजाना जाम की समस्या से रूबरू होना पड़ता है।

25 प्रतिशत दूसरे ऑप्शन के साथ

वहीं 25 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अमौसी से हजरतगंज पहुंचना भी टेढ़ी खीर है। इस रूट पर भी रोजाना जाम की समस्या सामने आती है। लोगों का कहना है कि अवध चौराहा पर तो रोजाना जाम लगता है। हैरानी की बात तो यह है कि यहां पर ट्रैफिक सिग्नल्स भी हैैं और ट्रैफिक सिपाही भी रहते हैैं, बावजूद इसके जाम की समस्या सामने आती है। इस रूट पर भी मेट्रो की सुविधा है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

तीसरे ऑप्शन के साथ भी 25 प्रतिशत लोग

दुबग्गा से हजरतगंज की बात की जाए तो 25 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस रूट को भी पार करना कठिन है। अति व्यस्त रूट होने की वजह से यहां से गुजरने वाले लोगों को भी जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। सर्वे से जुड़े लोगों का मानना है कि इस रूट पर जाम की सबसे बड़ी वजह अवैध कट, ई-रिक्शा और ट्रैफिक का मिस मैनेजमेंट है। लोगों का कहना है कि अगर इन प्वाइंट्स पर काम कर लिया जाए, तो जाम की समस्या को 80 प्रतिशत तक समाप्त किया जा सकता है।

लोगों के आए कमेंट्स

1-हर तरफ जाम ही तो रहता है। लखनऊ पुलिस इसको सही करने में बिल्कुल नाकाम है।

-आदित्य जायसवाल

2-टेढ़ी पुलिया से मुंशीपुलिया तक जाम की समस्या सबसे अधिक रहती है। इस पर फोकस किया जाना चाहिए।

-अभिषेक सिंह अतुल

3-रूट कोई भी हो, सबका हाल एक जैसा ही है।

सुनील कुमार मिश्रा

4-हैनिमैन हो या कमता या फिर पॉलीटेक्निक से बीबीडी की तरफ जाना भी कठिन डगर है। यहां भी जाम रहता है।

-एकेएस

5-जिस हिसाब से शहर को जी20 के लिए सजाया जा रहा है, उससे अगर ट्रैफिक व्यवस्था ऐसी ही रही तो सारी व्यवस्था बे पटरी हो जाएगी। ट्रैफिक व्यवस्था पर शासन प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

-जावेद हुसैन

6-सभी चौराहे, जहां पर लोग बेधड़क होकर रेड लाइट जंप करते हैैं।

-ऋषि कुमार सिंह

7-ऑफिस टाइम और शाम होते ही ट्रैफिक का हाल पूरे लखनऊ में लगभग एक जैसा होता है। गाडिय़ां रेंगती रहती हैैं, हवा में जहर घुलता रहता है। कभी-कभी लगता है कि लखनऊ में ऑफिसेज और स्कूल्स को अलग-अलग एरिया में शिफ्ट कर देना चाहिए। एक ही जगह केंद्रित नहीं होने चाहिए ये सब।

-प्रभास

8-लखनऊ के सभी रूट्स ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहे हैैं। इसके लिए पुलिस और पब्लिक, दोनों ही रिस्पांसिबल हैैं। जानकीपुरम से चिनहट के बीच भी जाम की समस्या रहती है।

-अभि

9-चारबाग से हजरतगंज तक के रूट पर जाम की समस्या अधिक रहती है।

-शरदकांत सहाय

10-जाम की समस्या से बचने के लिए मेट्रो को अपनाना चाहिए।

-अरुण कुमार त्रिपाठी

11-जब तक ई-रिक्शा और ऑटो की समस्या नहीं सुलझेगी, चौराहों पर जाम की समस्या जस की तस बनी रहेगी।

-भरत गुप्ता

12-1090 चौराहे से मुंशी पुलिया तक जाना सबसे अधिक कठिन डगर है।

-अमन