- कोरोना संक्रमण के कारण इस बार नहीं निकला बारावफात का जुलूस

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रुष्टयहृह्रङ्ख:

कोरोना के चलते शुक्रवार को बारावफात के अवसर पर हर साल निकलने वाला जुलूस इस बार नहीं निकाला गया। मस्जिदों में सीमित संख्या में ही लोगों ने जुमा की नमाज अदा की, वहीं घरों में सुबह कुरान ख्वानी हुई। बारावफात के मौके पर चौक में भारी पुलिसबल पूरे दिन तैनात रहा।

पैगाम घर-घर पहुंचाएं

मिलादुन नबी सल्ल। के मुबारक अवसर पर इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जलसे को खिताब करते हुए बताया कि आज का दिन बहुत मुबारक दिन है। इस दिन खुदा पाक ने अपने आखिरी नबी हजरत मुहम्मद साहब को दुनिया में तमाम इंसानों की राहनुमाई के लिए भेजा। जरूरत इस बात की है कि मुसलमान इंसानियत अमन और भाईचारे का पैगाम को घर-घर पहुंचाने की कोशिश करें। जिससे इस्लाम और मुसलमानों के लिए जो गलत बातें हो रही हैं उन्हें दूर किया जाए।

पौधे लगाने चाहिए

मौलाना फरंगी महली ने कहा, इस समय मानवता दूषित वातावरण से परेशान है। ऐसे में अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए। पेड़-पौधे लगाना नबी पाक सल्ल। की सुन्नत है। वहीं मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी ने कहा कि 24-30 अक्टूबर तक हफ्ता-ए-रहमत के तौर पर मनाया गया। जिसमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में वेज फूड पैकेट रोज बांटे गए।

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नातिया मुशायरा का आयोजन

शुक्रवार को नातिया मुशायरा आयोजित किया गया। जिसका संचालन कारी हसनैन रुजौलवी और मौलाना मुहम्मद मुशताक ने किया। जलसे की अध्यक्षता मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने की। जलसे के अंत में मौलाना मुहम्मद मुश्ताक ने देश और प्रदेश में अमन व शांति और उन्नति के लिए दुआ की।