लखनऊ (ब्यूरो)। ऐसे बेहद कम फ्लैट मालिक हैैं, जो निगम से टैक्स असेसमेंट कराते हैैं। जिसकी प्रमुख वजह जानकारी का अभाव होना है। टैक्स असेसमेंट न होने की वजह से उनके नाम निगम की ओर से हाउस टैक्स न देने वालों की लिस्ट में शामिल कर लिया जाता है। ऐसे में साफ है कि सभी फ्लैट मालिक निगम से टैक्स असेसमेंट जरूर कराएं और हाउस टैक्स जमा करें। जिससे उनकी संपत्ति निगम के रिकॉर्ड में दर्ज हो सके।

सेकंड बायर के लिए म्युटेशन जरूरी
अगर आपने एलडीए या आवास विकास से फ्लैट खरीदा है तो तत्काल म्युटेशन कराने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर आपने किसी प्राइवेट बिल्डर से फ्लैट खरीदा है तो म्युटेशन कराना बेहतर होगा। इससे आपकी संपत्ति आपके नाम पर नामांतरित हो जाएगी। वहीं यह भी स्पष्ट है कि जब भविष्य में आप किसी को फ्लैट बेचेंगे तब उस दौरान आपको म्युटेशन कराना पड़ेगा।

इस तरह कराएं असेसमेंट
अगर आप अपने फ्लैट का टैक्स असेसमेंट कराना चाहते हैैं तो संबंधित नगर निगम के जोन कार्यालय में आवदेन पत्र दें। इसके बाद नगर निगम की टीम आपके यहां आएगी और फ्लैट एरिया के हिसाब से टैक्स असेसमेंट करेगी। टैक्स की रसीद आपको भी दी जाएगी, जिसके आधार पर आप हाउस टैक्स जमा कर सकेंगे।

इस तरह कराएं म्युटेशन
टैक्स असेसमेंट के बिना म्युटेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। म्युटेशन कराने के लिए सबसे पहले टैक्स असेसमेंट कराना होगा। अगर आप पहले से ही असेसमेंट करा चुके हैैं तो आपको लास्ट हाउस टैक्स की जमा रसीद म्युटेशन संबंधी कागजातों के साथ लगानी होगी। म्युटेशन की निर्धारित प्रक्रिया 40 दिन की है। म्युटेशन के दौरान आवेदक का आधार, रजिस्ट्री पेपर लगेंगे साथ ही उस व्यक्ति का शपथ पत्र भी लगेगा, जिससे आपने फ्लैट खरीदा है। इसके बाद नगर निगम की ओर से अखबार में एड देकर इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। अगर कोई आपत्ति आती है तो तत्काल म्युटेशन संबंधी प्रक्रिया को होल्ड कर दिया जाएगा, अन्यथा 40 दिन के बाद संपत्ति स्वत: ही आपके नाम हो जाएगी।


अगर आप फस्र्ट बायर हैैं तो म्युटेशन की जरूरत नहीं है लेकिन अगर आपने किसी दूसरे से फ्लैट खरीदा है तो म्युटेशन जरूर कराएं। वहीं फ्लैट में रहने वाले भी टैक्स असेसमेंट जरूर कराएं।
अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम