अधीक्षका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, मोहन त्रिपाठी गिरफ्तार

- सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

- प्रमुख सचिव और एडीजी को भेजा देवरिया, आज देंगी रिपोर्ट

इन पर गिरी गाज

- डीएम देवरिया सुजीत कुमार हटे, अमित किशोर को नए डीएम

- पूर्व डीपीओ अभिषेक पांडे सस्पेंड-अंतरिम डीपीओ नीरज कुमार व अनूप सिंह पर खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश

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LUCKNOW :
एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में सेक्स रैकेट चलने का खुलासा होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला एवं बाल विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को तलब कर मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए। साथ ही डीएम देवरिया सुजीत कुमार को हटा दिया जबकि पूर्व डीपीओ अभिषेक पांडे को सस्पेंड कर दिया। वहीं दो अंतरिम डीपीओ नीरज कुमार और अनूप सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गये हैं। सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास रेणुका कुमार और एडीजी वीमेन पावर लाइन अंजू गुप्ता को चॉपर से तत्काल देवरिया भेजा गया जो प्रत्येक पीडि़त बच्ची से बात करके मंगलवार सुबह अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपेंगी। वहीं विपक्ष इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर हो गया है।

कमिश्नर को भी भेजा
राज्य सरकार ने मामला सामने आने के बाद तत्परता दिखाते हुए गोरखपुर मंडल के कमिश्नर को भी मौके पर जाने के निर्देश दिए। वे जांच में सहयोग और मदद करेंगे। मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मेरे अलावा प्रमुख सचिव गृह को भी बुलाकर तत्काल मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि करीब एक साल पहले तमाम शिकायतों के बाद इस बालिका गृह को बंद करने के निर्देश दिए गये थे जिसका स्थानीय अधिकारी पालन नहीं करा सके। यह कैसे चल रहा था, इसकी जांच करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी डीएम को तत्काल अपने-अपने जनपद में स्थित महिला संरक्षण गृह तथा बाल संरक्षण गृह का निरीक्षण कर 12 घंटे में शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों का अनुपालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री द्वारा तीन दिन पहले भी सभी डीएम को बाल एवं महिला संरक्षण गृहों के व्यापक निरीक्षण के संबंध में निर्देश दिए गए थे पर किसी ने इसकी जहमत तक नहीं उठाई और देवरिया में यह मामला सामने आने से राज्य सरकार को खासी किरकिरी का सामना करना पड़ गया।

18 लड़कियां अभी तक लापता
बताते चलें कि रविवार को यह मामला तब उजागर हुआ, जब देवरिया के मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान के द्वारा संचालित इस बालिका गृह से भागकर एक बच्ची ने महिला थाने जाकर पुलिस से गुहार लगाई। एसपी रोहन पी। कनय के निर्देश पर देर रात संस्था से 24 बच्चों व महिलाओं को रेस्क्यू कराते हुए उसे सील कर दिया गया। पुलिस ने एनजीओ संचालिका, अधीक्षक समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि 18 बच्चे अब भी इस संस्था से गायब हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है। एसपी ने बताया कि रेस्क्यू किए गये बच्चों ने बयान दिया कि संस्था में रह रही 15 से 18 वर्ष की लड़कियों को लग्जरी गाडि़यों में गोरखपुर ले जाकर अवैध कृत्य कराया जाता था। जिसके बाद अधीक्षका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सीबीआई ने की थी जांच
इस मामले में यह भी सामने आया है कि साल भर पहले सीबीआई की टीम ने इस एनजीओ का निरीक्षण करने के बाद इसे बंद कराने की संस्तुति की थी। इसके बाद शासन ने इसकी मान्यता को स्थगित कर दिया था। राजधानी स्थित सीबीआई के जोनल मुख्यालय ने ऐसी कोई जांच करने की पुष्टि नहीं की है, जिससे माना जा रहा है कि यह टीम दिल्ली से आई थी। शासन के निर्देश पर डीपीओ प्रभात कुमार ने 28 महिलाओं व बच्चों दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए पत्र भी लिखा, लेकिन संस्थान द्वारा उनको गोरखपुर शिफ्ट नहीं किया गया। शासन से जब सख्ती बढ़ी तो डीपीओ के निर्देश पर पुलिस के साथ 28 जुलाई को संस्था को खाली कराने टीम पहुंची तो अधीक्षक कंचनलता उनसे उलझ गई। इस मामले में डीपीओ की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने 31 जुलाई को अधीक्षक कंचनलता व संचालिका गिरिजा त्रिपाठी के खिलाफ सरकारी कार्य में व्यवधान का मुकदमा दर्ज किया था। इस बीच तमाम महिलाओं और बच्चियों को एनजीओ द्वारा वहां से हटा दिया गया जिन्हें तलाशना अब पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

अमित किशोर बने डीएम
मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद देवरिया के डीएम सुजीत कुमार को हटा कर उनके स्थान पर अमित किशोर को भेजा गया है। अमित किशोर अभी तक एटा के डीएम थे। वहीं रजिस्ट्रार चिट्स एंड फंड ईश्वरी प्रसाद पांडे को एटा का डीएम बनाया गया है। सूत्रों की मानें तो जांच समिति की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर सुजीत कुमार को सस्पेंड किए जाने पर निर्णय लिया जाना है।

बच्चियों ने बताई खौफनाक दास्तां
बालिका गृह से रेस्क्यू की गयी बच्चियों ने पुलिस को बताया कि बड़ी दीदी लोगों को लेने के लिए हर दिन कार आती थी, जब वह वापस आती थीं तो वह रोते हुए आती। जब हम लोग पूछने का प्रयास करती तो वह कुछ भी बोलने से इंकार कर देती। उन्हें कभी पांच सौ तो कभी हजार रुपये पकड़ा दिए जाते थे। किसी को शक न हो, इसलिए छोटी बच्चियों को भी गाड़ी से साथ भेजा जाता था। पुलिस ने जिन बच्चों को बरामद किया और उन्हें पुलिस लाइन लाया गया तो उनके चेहरे पर दहशत पसरी थी।

मुख्यमंत्री ने मुझे और संबंधित विभागों के अधिकारियों को बुलाकर पूरे प्रकरण की जानकारी ली और डीएम को हटाने का निर्णय लिया है। डीपीओ को सस्पेंड किया गया है जबकि दो पूर्व डीपीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए है। दो सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच कमेटी को देवरिया भेजा गया है जो अपनी रिपोर्ट कल देगी।
- डॉ। रीता बहुगुणा जोशी, मंत्री, महिला एवं बाल विकास

पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कराई जा रही है। जिला प्रशासन ने मामला सामने आने के बाद एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की है। सभी पीडि़तों का मेडिकल चेकअप के अलावा पाक्सो मजिस्ट्रेट के सामने बयान कराया जाएगा। इस मामले में कोई हीलाहवाली नहीं होने दी जाएगी और सत्यता सामने लाई जाएगी।
- आनंद कुमार, एडीजी, कानून-व्यवस्था