लखनऊ (ब्यूरो)। नागपंचमी का पर्व राजधानी में बहुत श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया गया। सोमवार होने की वजह से इस बार बेहद सुखद संयोग भी नागपंचमी के दिन बना रहा। वहीं, सुबह से भक्त शिव मंदिरों में दर्शन और पूजन के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान लोगों ने नाग देवता की पूजा-अर्चना की और परिवार के लिए मंगलकामना की। वहीं, शाम को गुडिय़ा पर्व भी मनाया गया।

मंदिरों में हुई विशेष पूजा

वहीं, नागपंचमी के अवसर पर गुडिय़ा पीटने की भी परंपरा है। इसी के तहत लोगों ने घरों में पुराने कपड़ों से गुडिय़ा बनाई। जिसे घरों के बाहर बच्चों ने पीटा। वहीं, नागपंचमी को लेकर मनकामेश्वर मठ मंदिर, कोनेश्वर महादेव मंदिर, द्वादश ज्योतिर्लिंग, महाकाल मंदिर समेत अन्य मंदिरों में श्रावणी माह में नागपंचमी और गुडिय़ा का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह नाग देवता की पूजा की गई। इस दौरान मंदिरों में भक्तों की लंबी भीड़ रही। वहीं, मंदिरों के बाहर सपेरे नाग लिए खड़े रहे। जिसकी लोगों ने पूजा की।

मंदिरों में हुई पूजा

नागपंचमी पर मंदिर परिसर में श्रावणी सामूहिक अभिषेक किया गया। बाबा मनकामेश्वर के अभिषेक पूजन के बाद विश्व शांति और राष्ट्र समृद्धि के लिए यज्ञ किया गया। श्रीमहंत देव्यागिरि ने बताया कि हिंदू धर्म में सांपों का विशेष स्थान है। वहीं, घरों में भी लोगों ने पूजा की और मंगल कामना मांगी।

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भगवान झूलेलाल का चालीहा 25 अगस्त को

भगवान झूलेलाल का चालीहा कार्यक्रम 25 अगस्त को झूलेलाल मैदान में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर महापौर सुषमा खर्कवाल चालीहा कार्यक्रम में भगवान झूलेलाल की महाआरती में सम्मलित होगी। सिंधु सभा के अध्यक्ष अशोक मोतियानी, चेट्टी चंद मेला कमेटी के अध्यक्ष अशोक चंदवानी, महामंत्री रतन मेघानी कोषाध्यक्ष सतेंद्र भावनानी, सुरेश छबलानी ने बताया की भगवान झूलेलाल का चालीहा राजधानी लखनऊ सहित पूरे उतर प्रदेश में 25 अगस्त को बहुत ही धूमधाम से मनाया जायेगा। लखनऊ, कानपुर, बनारस में नदी के किनारे पूजा अर्चना कर भगवान झूलेलाल की महाआरती होगी।