लखनऊ (ब्यूरो)। यूथ चाहे तो समाज की तस्वीर बदल सकता है। शहर के कई युवा हैं जो अपने करियर को संवारने के साथ-साथ समाज को बेहतर बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। चाहे लोगों को हेल्थ के प्रति जागरूक करने का काम हो या उनके जीवन में शिक्षा की अलख जगाने की कोशिशें, हर फील्ड में युवा आगे आकर समाज को बेहतर बनाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। नेशनल यूथ डे के मौके पर हमने शहर के ऐसे ही कुछ युवाओं और समाज के प्रति किए जा रहे उनके कामों के बारे में जाना। पेश है यह स्पेशल रिपोर्ट

गवर्नमेंट स्कूल्स के बच्चों को देते हैं मुफ्त इलाज

डॉ। राम मनोहर लोहिया के पीडियाट्रिशन डॉ। शशांक सिंह बीते एक साल से जरूरतमंद बच्चों की सेहत फ्री में सुधारने की कोशिशों में लगे हैं। वह बताते हैं कि हमारी डॉक्टरों की टीम गवर्नमेंट स्कूल्स में जाकर बच्चों का नि:शुल्क हेल्थ चेकअप करती है। इसके बाद उनको दवा के साथ सेहतमंद रहने के टिप्स भी दिए जाते हैं। गवर्नमेंट स्कूल्स के अलावा छोटे-छोटे शहरों-कस्बों में भी हमारी टीम जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रही है। आज के दौर में गरीब लोगों को सही इलाज मिलना बेहद मुश्किल है। ऐसे में लोगों को अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखना है, हमने इस पर काम करने के बारे में सोचा। शुरुआत हमने स्कूली बच्चों से की, ताकि वे अपने साथ-साथ अपने पेरेंट्स को भी हेल्दी रहने के बारे में जानकारी दे सकें। हम इस काम को और लोगों तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं।

वर्दी वाली दीदी गरीब बच्चों को दे रहीं शिक्षा

मड़ियांव थाने में महिला आरक्षी के पद पर तैनात सरिता शुक्ला बीते कई सालों से गरीब बच्चों की जिंदगी में शिक्षा का उजाला भर रही हैं। उन्होंने बताया कि मैं प्रतापगढ़ की रहने वाली हूं। साल 2018 से लखनऊ में पोस्टेड हूं। पिता ट्रांसपोर्ट का काम करते थे और सबकी खूब मदद करते थे। उन्हीं से समाजसेवा का भाव मन में आया। मेरी पहली पोस्टिंग गाजीपुर थी। इसके बाद मैं अंबेडकरनगर में भी रही। बच्चों को पढ़ाने की शुरुआत वहीं से हुई। लखनऊ में मैं पहले जानकीपुरम थाने में पोस्टेड थी। वहां के मलिन बस्ती के गरीब बच्चे यूं ही आसपास भटकते रहते थे। यह देखकर उन्हें शिक्षा देने का ख्याल आया। तभी से जानकीपुरम के चंद्रिका टावर के पास बच्चों की क्लास लगानी शुरू की। एक साल से अधिक हो गया है। अभी ठंड की वजह से बच्चों की छुट्टी चल रही है, लेकिन आसपास के इलाके के 45 के करीब बच्चे हैं, जो मेरे पास पढ़ने आते हैं। इनके अलावा कई बच्चों का आसपास के स्कूलों में दाखिला भी कराया है। बच्चों को शिक्षण सामग्री अपने खर्च से देती हूं। ड्यूटी खत्म होने के बाद उन्हें पढ़ाने का काम करती हूं। शुरुआत महज दो बच्चों से हुई थी, आज संख्या 40 के पार पहुंच चुकी है। आगे भी पढ़ाने का सिलसिला जारी रखूंगी।

फीस भर कर पढ़ाई छूटने से बचा रहीं

कपूरथला निवासी ओम सिंह बीते आठ साल से समाज सेवा का काम कर रही हैं। उन्होंने करीब 250 गरीब मेधावी स्टूडेंट्स की फीस भरी है, जिनकी पढ़ाई छूटने के कगार पर थी। ओम बताती हैं कि मैंने अपना नंबर सोशल मीडिया पर दे रखा है। बहुत सारे लोग मेरी संस्था से जुड़े हैं। वे जरूरतमंद स्टूडेंट्स की सूचना देते हैं। ये वे स्टूडेंट्स होते हैं जो सरकारी स्कूल से निकलकर प्राइवेट स्कूल में जाते हैं। इन बच्चों की फीस, बुक्स, नोटबुक्स, स्टेशनरी के अलावा उनको कंवेंस के लिए साइकिल देने का काम करती हूं। इस काम में मेरे कई मित्र मेरा सहयोग भी करते हैं।

यूथ संवाद और एन्वायरमेंट के लिए किया काम

गोमतीनगर निवासी अजीत कुशवाहा यूथ ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। समाज से जुड़े कामों के लिए उन्हें साल 2013 में राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा, साल 2015 में उन्हें नेशनल यूथ अवार्ड और साल 2021 में मुख्यमंत्री की ओर से स्वामी विवेकानंद युवा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। अजीत बताते हैं कि मैंने लखनऊ के केकेसी कॉलेज से पढ़ाई करने के दौरान ही अपनी दिशा तय कर ली थी कि समाज के लिए काम करना है। मेरा ज्यादातर काम गोमती नदी की सफाई, बाल संरक्षण और लाइफ स्किल्स पर बेस्ड होता है। इसके साथ ही मेरी एक संस्था है युवाओं की दुनिया, जो युवा संवाद कराती है और उन्हें समाज के लिए काम करने को प्रेरित करती है। इसके जरिए कॉलेजों में सेमिनार करा कर उनके लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार करने का काम कर रहे हैं। फिलहाल मैं भुवनेश्वर में पोस्टेड हूं ऐसे में दोनों जगह अपने काम को और प्रभावी तरीके से करने का प्रयास कर रहा हूं।

इनायत के जरिए एन्वायरमेंट व एंप्लॉयमेंट पर हो रहा काम

21 साल की नंदिनी गोयल ने 19 साल की उम्र में इनायत नाम की संस्था की शुरुआत की थी। उनके साथ उनकी दो दोस्त हिना व अनुष्का भी सहयोग कर रही हैं। यह संस्था लखनऊ के साथ-साथ चार अन्य जगहों पर काम करती है। नंदिनी का कहना है कि हमारी संस्था चार सेगमेंट एन्वायरमेंट, एंप्लॉयमेंट, हेल्थ और एजुकेशन पर काम कर रही है। हम मेंटल हेल्थ, वूमेन हेल्थ, एजुकेशन और रोजगार देने का काम कर रहे हैं। अभी तक 100 से 150 लोगों को हमने फायदा पहुंचाया है। हमारी संस्था से मेरे जैसे 20 यंगस्टर्स जुड़े हैं, जो अपने स्तर पर लोगों की मदद कर रहे हैं। मुझे इस काम की प्रेरणा अपनी मम्मी और पापा से मिली।