-युवाओं को बरगलाते फेसबुक पर बनाया था 'शरारती बच्चे' गु्रप

-फेसबुक पर क्लोज्ड ग्रुप बना कर रहे थे युवकों की भर्ती

-बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW: यूपी एटीएस समेत छह प्रदेशों की पुलिस की छापेमारी में पकड़े चार आतंकी युवाओं को बरगलाने के लिये फेसबुक का इस्तेमाल करते थे। इन लोगों ने फेसबुक पर एक क्लोज्ड ग्रुप बना रखा था। जिससे वे भड़काऊ पोस्ट डालकर युवाओं के दिलोदिमाग में कट्टरता का जहर घोलते थे। युवा जब उनके फेंके जाल में फंस जाता तो उसे धर्म के नाम पर मरने-मारने का पाठ पढ़ाया जाता था। हैरत की बात है कि ग्रुप के जरिए सैकड़ों युवा इनके संपर्क में थे। अब एटीएस जांच कर रही है कि ग्रुप से जुड़े कितने युवाओं का ये लोग ब्रेनवाश कर चुके थे।

पहले परखते थे, तब कराते थे ज्वाइन

एटीएस सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्त में आए मुफ्ती उर्फ फैजान और जकवान उर्फ एहतशाम ने पूछताछ में खुलासा किया है कि युवाओं को बरगलाने के लिये उन्होंने फेसबुक पर 'शरारती बच्चे' नाम से क्लोज्ड गुप बना रखा था। इस ग्रुप में इंट्री लेने के लिये ज्वाइन रिक्वेस्ट भेजनी पड़ती थी। जिसके बाद एडमिन रिक्वेस्ट करने वाले युवक की प्रोफाइल की जांच करते थे। उसकी ग्रुप लाइक्स, पोस्ट और अपडेट देखने के बाद उस युवा को परखा जाता था कि वह उनके झांसे में आ सकता है या नहीं। जिसके बाद एडमिन बने दोनों आतंकी पॉजिटिव लगने वाले युवाओं की रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर उसे ग्रुप में शामिल करते थे।

खास समुदाय और आयुवर्ग के ही मेंबर

शरारती बच्चे ग्रुप में रिक्वेस्ट करने वाले हर शख्स को इंट्री देने से पहले एज ग्रुप और उसके समुदाय को भी ध्यान में रखा जाता था। ग्रुप में 20 साल से लेकर 35 साल के युवाओं को ही इंट्री दी जाती थी। ग्रुप की भड़काऊ पोस्ट से प्रभावित होकर अब तक इस ग्रुप में एक ही समुदाय के 922 युवा इसके मेंबर बन चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ग्रुप में कुछ लड़कियां भी मेंबर बन चुकी हैं। अब एटीएस पता लगा रही है कि ग्रुप से जुड़े कौन-कौन से शख्स इन आतंकियों के बराबर संपर्क में थे। इसके लिये आतंकियों से ग्रुप का चैट बॉक्स खुलवाकर उसे खंगालने की तैयारी की गई है। एटीएस सूत्रों ने बताया कि चैट बॉक्स की पड़ताल के बाद कुछ और अरेस्टिंग हो सकती हैं।

आईएस से था संपर्क

अब तक की पूछताछ में आतंकियों ने बताया है कि फिलहाल तो वे अपना ग्रुप बनाकर उसके जरिए बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। लेकिन, फेसबुक के जरिए उनका संपर्क आईएस के हैंडलर्स से भी था। आतंकियों के पास से बरामद आईएस का साहित्य व नक्शे इस बात की गवाही देते हैं। एटीएस सूत्रों की मानें तो इन आतंकियों के आईएस के 'अमल उल हिंद' मॉड्यूल से जुड़े होने के सुबूत मिल रहे हैं। इसके अलावा ये सभी आतंकी पूर्व में फेसबुक के जरिए खुरसान मॉड्यूल के भी संपर्क में थे।

आतंकी 8 दिन की पुलिस रिमांड पर

एटीएस द्वारा अरेस्ट किये गए एहतेशाम उल हक और फैजान को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों आतंकियों की आठ दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने के निर्देश दिये। उम्मीद की जा रही है कि पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान एटीएस को उनके मॉड्यूल के बारे में कई अहम जानकारियां हाथ लग सकती है।