- सांसद से लेकर पार्षद आफिस तक कई बार लगाये चक्कर

- दस साल से पारा के नरपतखेड़ा के लोगो को मिल रहा आश्वासन

LUCKNOW : नगर निगम के न्यू हैदरगढ़ तृतीय वार्ड के मोहल्ला गायत्री विहार सेकंड कॉलोनी को पिछले दस साल से रोड का इंतजार है। रोड के लिए स्थानीय लोग सांसद से लेकर पार्षद के ऑफिस तक चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है। हर बार उन्हे केवल आश्वासन देकर टरका दिया जाता है। ऐसे में यहां के लोग नर्क जैसी जिंदगी बिताने को मजबूर हैं। सीवर, नाली और रोड के अभाव के चलते काफी परेशान हैं। वहीं बारिश के समय उन्हे घरों में कैद होना पड़ता है।

हर दर पर लगा चुके गुहार

गायत्री विहार कॉलोनी के मोहल्ला सुधार सीमित ने इलाके में रोड के लिए सांसद से लेकर नगर विकास मंत्री, जिलाधिकारी, मेयर, नगर आयुक्त और पार्षद तक को कई बार पत्र लिखा है। वहां के हालात और स्थिति से अवगत करा चुके हैं, लेकिन पिछले दस साल में उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। हर बार केवल उन्हें आश्वासन मिला।

हर साल देते हैं टैक्स

मोहल्ला सीमित के अनुसार कॉलोनी में 60 से ज्यादा मकान हैं। सीमित में 30 से ज्यादा मेंबर हैं। हर मकान से नगर निगम व जलकल विभाग को हर साल टैक्स भी दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। कॉलोनी में न तो सीवर लाइन है और न ही रोड व नाली।

बारिश में घरों में होना पड़ता है कैद

आम दिनों में पैदल चलना कॉलोनी में मुश्किल होता है। बारिश के मौसम में तो लोगों को घरों में कैद होना पड़ जाता है। जलभराव के साथ एरिया में गंदगी का अंबार इस कदर है कि बारिश के पानी के साथ बहकर लोगों के घरों तक पहुंच जाता है। बदबू व गंदगी के चलते लोगों का घरों से बाहर तक निकलना दुश्वार हो जाता है।

सड़क के बीच में गढ्डे

स्थिति यह है कि इस कच्ची रोड में कई स्थानों पर गहरे गढ्डे हैं, जिसके कारण वाहन सवारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो वाहन सवार गढ्डों की चपेट में आकर गिर भी जाते हैं। इसके चलते कई लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं। दिन में तो किसी तरह वाहन सवार गढ्डों से बचकर निकल जाते हैं, लेकिन रात में स्थिति बेहद भयावह हो जाती है। रात के अंधेरे में गढ्डे नजर नहीं आते हैं।

रहती है फिसलन

रोड पर कीचड़ होने की वजह से पैदल चलने वालों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आलम यह है कि कीचड़ अधिक होने के कारण कई बार तो पैदल राहगीर भी फिसलकर गिर जाते हैं।

पब्लिक से बात-चीत

पिछले दस साल से रोड के लिए हर नेता और अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं। हर बार केवल आश्वासन मिलता है, लेकिन रोड नहीं मिलती है। अब लगता है कि यहां रहने निर्णय गलत रहा।

- अशोक कुमार मोदी, मोहल्ला सुधार सीमित

मोहल्ला सीमित लगातार एरिया में रोड की मांग कर रहा है। हर मकान से टैक्स भी नगर निगम व अन्य विभागों को जाता है, लेकिन टैक्स लेने के बाद भी बुनियादी सुविधा नहीं दी जा रही है।

-अजीत निगम

जब शहर सरकार कॉलोनी के लोगों से हर सुविधा का शुल्क ले रही है तो उन्हें कॉलोनी में रहने वालों की बुनियादी सुविधा का भी ध्यान रखा चाहिए। टैक्स न देने पर नोटिस देती है तो रोड न देने पर इस विभागों के खिलाफ कौन कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा।

- भीम सिंह बिष्ट

साल दर साल बीत गए, गांव तक रोड पहुंच गई, लेकिन शहर में बसी गायत्री विहार कॉलोनी की हालत आज गांव से भी ज्यादा खराब है। विकास के मुद्दे पर बड़े बड़े दावे करने वाली शहर सरकार की निगाह आखिर क्यों यहां नहीं पहुंच रही।

- अरविंद श्रीवास्तव

कॉलोनी में रोड न होने और असुविधा के चलते लोगों के घरों में मेहमान भी आने से कतराते हैं। जब हम टैक्स दे रहे हैं तो उससे संबंधित सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं।

- मिश्री लाल वर्मा